Latest Updates

नारी

धरती पर अनमोल रत्न और खुशियो का संसार है नारी
घर की बढ़ती जिससे रोनक , ऐसा अदभुत श्रंगार है नारी।

लहराती फूलों की बगिया और चन्दन सी शीतल है नारी
दिखाती है जो सबको रास्ते,
ऐसी अदभुत रोशनी है नारी।

सह लेती हर कष्ट को हंसकर,
सहनशक्ति की देवी है नारी
ढक लेती हर दुःख की धूप,
ऐसी सुख की छाया है नारी।

खुद जलकर जो रोशनी फैलाये,
दीपक की ऐसी बाती है नारी
जिसके बिना सब सूना – सूना,
ऐसा जिंदगी का एहसास है नारी।

                       मनु बालियान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *