January 2020
इस नववर्ष पर, देश के चप्पे-चप्पे में उजाला हो तम का सँहार करता हर दिल,निर्भय शिवाला हो
2020 सयानेपन की उम्र में कदम बढ़ाती हर उम्र की वो गणना है जहाँ पहुँच कर टीन एेज समाप्त हो जाती है।इस कमसिन उम्र में पाँव न फिसले,इसीलिए हर धार्मिक इँसान अपनी अपनी सामर्थ्यानुसार विद्याध्ययन के साथ साथ स्वाध्याय की ओर अग्रसर होता है और अपने चिंतन से अपने जीवन के उद्देश्य की खोज पर…
दस्तावेज दिखाने में परेशानी किसे ?
चीजें शीशे की तरह साफ हो रही हैं , दंगाई सन्न है , विपक्ष धीरे-धीरे समझ रहा कि एन डी ए सरकार अपने मेनिफेस्टो के अनुसार आगे बढ़ रही । देश के मुसलमानों के लिए कोई एन आर सी नही है। कोई भी किसी से 1971 से पहले के दस्तावेज नही मांग रहा है। ऐसा…
अजूबा प्रजातंत्र है,कुहरन भरी आजादी है
ठोकर खाने पर भी संभलता नहीं बेईमान, कुछ दौलत के लिए वह बेच देता है ईमान. बेइज्जती का उसको कुछ भी परवाह नहीं, धन-पद के पीछे-पीछे भागता है बेलगाम. समाज में ईमानदार आदमी का अभाव है, शुभ सलाह मानने को कोई नहीं तैयार है. गरीबी व बेरोजगारी समाज में बरकरार है. खुलेआमअट्टहास यहां करता व्यभिचार…
अटल जी को समर्पित कविता
निकल पड़ा वो शिखर यात्रा पर पथरीले पथ पर चलते-चलते थका नहीं, न हारा ही न वेवश ही, न बेचारा ही पांव बढाते पल-पल बढते अंधियारों को पार किया, यू मचलते निकल पड़ा———–+—+ सारा गगन समेटा मन में सारे पीड़ाओं को तन में ब्रह्माण्ड का चमकता तारा हंसता रहा गलियारों में, बैठे और टहलते…
मैयत के मेरे फूल खिल उठे
मैयत के मेरे फूल खिल उठे हैं अब थोड़ा पहले आते आधा जल चुके हैं अब तुमने कहा था कि जा रहे हो अपने रास्ते तो हम भी अपने रास्ते निकल चुके हैं अब कई लम्हे पत्थरो से बात करता रहा मगर कई पत्थर पिघल चुके हैं अब आज फिर मेरी उनसे बात हुई लगा…
नववर्ष की बधाई
v नये नये उमंग हैं नये नये तरंग नववर्ष की नवकिरण में हर तरफ लाये उमंग ही उमंग। अम्बर से आई किरण लेकर प्रकाश की लालिमा पीछे छुट गया काली रात और उसकी काली कलिमा। बीत गये एक वर्ष खट्टे मीठे अनुभव लाएगी आशा का संदेश ऐसा सोचे हर मानव। बनी रहे आचार विचार ऐसा…
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
अलविदा दिसम्बर तेरे लिए , स्वागत है अब जनवरी का । कुछ खट्टा मीठा सा अनुभव , तुम से मिल गया जिंदगी का। चेहरे कुछ दिखते नए नए, कुछ अपने लगते बिछड़ गए । यह मंच अजनबी सा लगता , कुछ साथ चले कुछ पिछड़ गये । स्वीकार हृदय से अब कर लो , शाश्वत…
है (थी) प्रीत जहां की रीत सदा
सम्पादकीय (मनमोहन शर्मा ‘शरण’) आप सभी को नव वर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएँ । प्रभु आपको सुख, शांति, समृधि, वैभव प्रदान करे, ऐसी मैं प्रार्थना करता हूँ । बात अपने देश भारत की करते हैं, वर्ष 2019 में जो हुआ, वो हो चुका अब हमें 2020 में 20–20 का मैच बनाने यआमने–सामनेद्ध के बजाए 2020…
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