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प्रेमगीत: कोरोना

संकटकाल निकल जाए तो। तुमको जीभर प्यार करूँगा।। अभी तो छूने में भी डर है, मन में कोरोना का घर है। बीतेगा तो पुनः मिलेंगे, बुरा समय तो ये पलभर है।। बाहों का आलिंगन होगा। तुमसे आँखे चार करूँगा।। संकटकाल निकल जाए तो। तुमको जीभर प्यार करूँगा।। कितने ख़्वाब अधूरे-पूरे, जिनको तुमने रोज़ सजाया। एक-एक…

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उम्मीद के दीप

माना रात घनी है,घोर तमस से भरी है। उजियारी भौंर के सामने कई चुनौतियाँ धरी हैं। तुम सूरज पर एतबार बनाए रखना। उम्मीदों के दीपक जलाए रखना। मंजिल बहुत दूर हो,दर्द बेहिसाब हो। सबसे मेरा रश़्क हो,उजड़े हुए मेहताब हो। जुगनुओं से इल्तिफात तुम बनाए रखना। उम्मीदों के दीपक जलाए रखना। मंज़र-ए-नदीश में कष्ट इफरात…

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लॉक है पर डाउन नहीं

कोरोना महामारी विश्व पीड़ित हाहाकार चहुँ और एक से अनेक , कब कब हज़ार से लाख हुए पता ही नहीं चला किसकी चाल , फिर देखेंगे पहले कोरोना से दो चार कर लें भारत भी अछूता नहीं अब सभी भयभीत इससे २१ दिन का लॉक डाउन पूर्ण होने को है अनेकता में एकता पहचान हमारी…

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श्री हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई

‘उत्कर्ष मेल ‘ अनुराधा प्रकाशन परिवार के सभी सदस्यों , रचनाकारों, संरक्षण सदस्यों , सम्मानित सदस्यों एवं सभी पाठकों को बधाई एवं प्रभु कृपा बानी रहे , यही प्रार्थना है जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरुदेव की नाई। मनमोहन शर्मा ‘शरण ‘ (प्रधान संपादक एवं संस्थापक)

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रिश्ते

कविता    रिश्ते रिश्तों का रंग आज बदला है, जीने का ढंग आज बदला है। पहचान में कोई नहीं आता। अपनों को समझ नहीं पाता। सारा चाल-चलन बदला है। रिश्ते हाथ से फिसलते है, साथ चलते औ बिछड़ते हैं। आज जीने का ढंग बदला है। पैसों का भी खेल है सारा । आज उससे है…

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