अधूरे ख़्वाब
अधूरे ख़्वाब की ताबीर हूँ मैं कहीं ख़यालों की तेरे तस्वीर हूँ मैं कहीं।। लम्हा-लम्हा तू साथ रहता मेरे। तेरे जीवन की जागीर हूँ मैं कहीं।। हो मुक़म्मल मेरी भी हस्ती कभी। रंग लाती मुहब्बत की तासीर हूँ मैं कहीं।। जर्रे-जर्रे में तेरा अक्स दिखता मुझे। रहगुज़र की तेरे तक़दीर हूँ मैं कहीं।। चलती रहती…