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सुरेश बाबू मिश्रा जी की 2 रचना एवं परिचय

सेक्युलर मिश्रित आबादी वाले इस मुहल्ले का माहौल आज बेहद गर्म था । एक समुदाय के कुछ नौजवानोंने यह टिप्पणी कर दी थी कि पूरे देश में कोरोना का संक्रमण एक खास जमात के लोगों के गैरजिम्मेदाराना बर्ताव के कारण फैला है । यह बात दूसरे समुदाय के लोगों को बहुत नागवार गुजरी । देखते…

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पंचम सिंह पुराणिया (पांचाल) की 2 रचना एवं परिचय

हाय ! बुढ़ापाजरा जोर की गति से, सब अंग हाल बेहाल ।शिथिल हुआ तन फिर भी, मन की चंचल चाल । ।इंद्रिया सभी थकित हो गई, रहती ममद की चाह ।लाठी लेकर बाहर जावे, तब ही चल पावें राह । बधिर यंत्र कानों में हैं, ऐनक नयनन मॉंहि ।नकली बत्तीसी है मुंह में, असली दन्तावली…

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