मैं बदलूँ तो बदले समाज
आज मनुष्य का जीवन हर प्रकार से त्रस्त और असुरक्षित है।पेट भरने को भोजन नहीं है,कितनीही आशंकाओं के बीच जी रहे हैं और हर ओर सेमनुष्य का शोषण औरउत्पीड़न हो रहा है।ऐसीपरिस्थिति में आदमी के पास केवल एक ही विकल्प बचा है कि वह व्यवस्था को बदल डाले।आज लगभग पूरा विश्व ही कोरोना महामारी की चपेट…