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अक्षय तृतीया (आखा तीज)

 मंजुलता वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को ‘अक्षय तृतीया’ या ‘आखातीज’ कहते हैं। ‘अक्षय’ का शाब्दिक अर्थ है- जिसका कभी नाश (क्षय) न हो अथवा जो स्थायी रहे। अक्षय तृतीया तिथि ईश्वर की तिथि है। इसी दिन नर-नारायण, परशुराम और हयग्रीव का अवतार हुआ था इसलिए इनकी जयंतियां भी अक्षय तृतीया को मनाई…

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“राम तुम्हे आना होगा।”

राम यानि वो चरित्र जिसने जीवन जीने की कला सिखाई। अपना सम्पूर्ण जीवन इस तरह व्यतीत किया कि मिसाल बन गए। हर युग में, हर परिस्थिति में उनके द्वारा उठाए गए हर कदम का लोग गुणगान करते हैं। यूं ही नही उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उनके व्यक्तित्व का आकर्षण, कोमल वाणी का सम्मोहन…

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राष्ट्रीय लूट प्रबन्धन में हम कितने अव्वल !

कोरोना जैसी महामारी में भी हमने जितना लूटते बना हमने लूटें कभी डॉक्टर बनकर तो कभी पुलिस बनकर , कभी व्यापारी बनकर तो कभी सस्ते गल्ले का दुकानदार बनकर । सरकारे ने भी आम जनता को लूटने में कोई कोर कसर नही छोड़ी । विश्व का सबसे बड़ा नोटतांत्रिक देश भारत बन ही गया ,जहां…

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