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धनाढ्य परिवारों को मिलने वाला आरक्षण गंभीर विषय है!

सामान्य वर्ग के लोग गांवों से रोजगार और बेहतर जीवन की खोज में महानगरों में धक्के खाते है , मजदूरी करते है और आरक्षण के विषबेल में लिपटा संविधान उनकी सुधी नहीं लेता क्योंकि वो सामान्य श्रेणी से है और महानगरों में कमा रहे । वहीं तुलनात्मक रूप से अधिक धनाढ्य पिछड़े और दलित  सुविधायुक्त…

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(लघुकथा) नया साथी

आज चीकू बहुत ही उदास बैठा है ।घर का माहौल भी गमगीन है ।आज उसके प्यारे दादा जी भगवान के घर चले गये । रोज उनके साथ ही रहता था। दादाजी भी उसका बहुत ही ख्याल रखते थे । अंदर गया तो देखा कि दादी जी रो रही थी और बहुत ही उदास थी। जब…

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हे प्रभु ! इन्हें क्षमा करना

कुश्लेन्द्र श्रीवास्तव (स्थाई स्तंभकार) अब इससे अधिक तो कुछ कहा ही नहीं जा सकता कि ‘‘हे प्रभु ! इन्हें क्षमा करना..ये नहीं जानते कि वो क्या कह रहे हैं । जैसे आम ‘‘बौरा’’ जाता है वैसे ही ‘‘खास’’ भी बौरा ही जाते हैं । कंगना भी खास होते ही बौरा गई लगने लगीं हैं ।…

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जो तेरी रज़ा मेरी भी वही

श्रीमती कविता मल्होत्रा (संरक्षक – उत्कर्ष मेल) Your mercy is my social status -Guru Nanak परिचय इतना इतिहास यही जो तेरी रज़ा है मेरी भी वही ✍️ निर्बाध गति से तो केवल प्रकृति का दरिया बहता है, मानव जाति तो मात्र उस गति की ताल से अपनी ताल मिलाने का प्रयास किया करती है।जीवन का…

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जनहित में जो अब जरूरी हो गया है

डॉक्टर सुधीर सिंह जनहित में जोअब जरूरी हो गया है आदमी का आचरण ही बदल गया है, खून का रिश्ता भी  पराया हो गया है। जिनको लोग कल अपना समझते थे, वही छिपकर  आघात  करने लगा है। घर-बाहर जालसाजों  का  जमावड़ा, ईमानदारी  का  मजाक उड़ा  रहा है। चरित्रवान  पर  व्यंग्य-वाण छोड़ कर, खुलेआम उनको  घायल …

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गुरुर ब्रहमा गुरुर विष्णु

जहाँ सिर श्रृद्धा से झुक जाते है अपने शिक्षक सभी याद आते हैं माँ मेरी प्रथम शिक्षिका है मेरी जीवन की वही रचियेता है पिता से धेर्य सीखा और सीखी स्थिरता चुपचाप जिम्मेदारी वहन करना और मधुरता दादी दादा नानी नाना से सीखा मिलजुल रहना प्यार बाटना पडता जीवन में हर हाल में पाठ सिखाया…

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“स्वर्ग का द्वार”

स्कूल कई महीनों से बंद थे। बच्चे घर में रह कर परेशान हो गए थे। यही कारण था कि घर में दिन भर कोहराम मचा रहता। दिन भर चीखना चिल्लाना, मारना पीटना, रोना धोना बस यही हो रहा था। गांव से दादाजी आए तो उन्हें यह सब देखकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने बच्चों को बुलाकर…

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हृदय परिवर्तन

“अच्छा माँ, मैं चलता हूं ऑफिस को लेट हो रहा है। शाम को थोड़ा लेट आऊंगा आप और पापा टाइम से डिनर कर लेना।” अंकित ने ऑफिस का बैग हाथ में पकड़ते हुए कहा।          “ठीक है बेटा, घर आते टाइम कुछ सामान भी लेते आना। समान के लिस्ट की पर्ची तुम्हारे बैग में रख…

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राष्ट्रीय एकता दिवस

सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत के लोह पुरुष के नाम से जाना जाते हैं ।सरदार वल्लभ भाई पटेल जी भारत के पहले उपराष्ट्रपति और गृहमंत्री थे। उन्हीं के जन्मदिवस  के उपलक्ष में प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।  भारत को राष्ट्र बनाने में सरदार जी की…

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लोक आस्था का महा पर्व-छठ व्रत

             लाल बिहारी लाल         छठ मईया की महिमा,जाने सकल जहान। “लाल पावे” जे  पूजे, सदा करी कल्याण।।                                         (लाल बिहारी लाल) सृष्टी की देवी प्रकृति नें खुद को 6 बागों में बांट रखा है। इनके छठे अंश को मातृदेवी के रुप में पूजा जाता है। ये ब्रम्हा की मानस पुत्री हैं। छठ व्रत यानी इनकी…

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