Category: कविता और कहानी
फ़ेसबुक का संसार
अर्चना भारद्वाज (दिल्ली) फ़ेसबुक का विचित्र संसारनित नए मनोरंजन व विचार अजब इसकी माया नगरी गज़ब का ये मायावी संसार जाने कहाँ से अनूठे ढंग से कितने लोगों को यह दिखातावर्षों लापता रहें जो हमसेउनसे…
ये सूरजमुखी
देख रहे हो न ये फूल सूरजमुखी का , दिन भर तलाशता है सूरज को बिना किसी शर्त के , कभी उदास भी नहीं दिखता , कहां से बटोर लाता है इतनी मुस्कराहट कि हंसने…
जय युवा शक्ति
हम युवा शक्ति को जगा रहें। दंभ,द्वेष,पाखंड,आलस को भगा रहें। स्तम्भ हैं ये राष्ट्र का नवचेतना का सागर हैं। ये रूप में हैं अनेक पर एकता में हैं एक। ये सफर के हैं पथिक सुनहरे।…
” बहुत दिनों बाद कुछ हाइकू”
1 आज मैं रोया बहुत दिनों बाद भुला के उसे 2 बहुत रोका रुकते कहाँ आँसू बेईमान से । 3 खो बैठा सब सपने बुनने में पाने को कुछ 4 कुछ बचा क्या मरके अब…
बुजुर्ग हमारे वजूद है न कि बोझ
(बदलते परिवेश में एकल परिवार बुजुर्गों को घर की दहलीज से दूर कर रहें है. बच्चों को दादी- नानी की कहानी की बजाय पबजी अच्छा लगने लगा है, बुजुर्ग अपने बच्चों से बातों को तरस…
कोरोना का कहर
कोरोना का कहर कोरोना, कोरोना, कोरोना, कोरोना। इस महामारी से हर्गिज डरो न।। जरूरी हिदायत जो तुमको मिली है, करो उसका पालन, रहो अपने घर में, न छुओ किसी को, न निकलो तुम बाहर, यही…
कभी यूँ ही अपने मिजाज बदला कीजिए
कभी यूं ही अपने मिजाज बदला कीजिये दिल मांगे आपका तो जाँ निसार कीजिये हंसते हसते जिन्दगी की शाम हो जायेगी बीती रात की सुबह का इन्तजार कीजिए आकाश सूना दिखे तारे हो खामोश जहाँ…