कुशलेन्द्र श्रीवास्तव गजब का ज्ञान दिया है उत्तराखंड के नव नवेले मुख्यमंत्रीजी ने ये मान लो की आंखें खुली की खुली रह गई और कानों ने काम करना बंद कर दिया । वर्षों से हमें पढ़या जाता रहा है कि हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम रहा है इसके चक्कर में […]
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बैसाख़ी के फिर मेले हों
श्रीमती कविता मल्होत्रा इतिहास गवाह है कि जहाँ रूह सहमत होती है वहीं रब की रहमत होती है।किसी भी तरह की अनहोनी का अंदेशा सबसे पहले अपनी ही रूह को होता है।ये और बात है कि मानव की चेतना अपने ही चैतन्य के इशारे को नज़रअंदाज़ कर देती है।यूँ तो […]
विदा दो दिल्ली (सुमनमाला ठाकुर)
(राज्य सभा डाइरेक्टर, अंग्रेज़ी की प्रोफ़ेसर, सुमनमाला ठाकुर, के दिल्ली शहर के आख़िरी कुछ पलों की अभिव्यक्ति, तमाम दिल्ली वसियों के नाम) तीन दशको से ज़्यादा मेरे आसपास, हरदम मंडरातीरही हो, तुम दिल्ली। मेरी सुबहों की रोज़ाना-रूटीन हर दिन, और शामों की वो गुनगुनाती थकन, फिर भी थे आँखों में […]
खूब लड़ी ‘दीदी’ वह तो …..(सम्पादकीय)
मनमोहन शर्मा ‘शरण’ (प्रधान संपादक) होली भी गई और जिस बात की आशंका भी वह भी हो ली । कोरोना ने एक बार फिर से अपना रौद्र रूप दिखाना प्रारंभ कर दिया है । जबकि लोगों ने लगातार गिरते आंकड़ों को देखकर–सुनकर मानों निश्चित होना प्रारंभ कर दिया था कि […]
नौकरी ही नहीं तो शिक्षक पात्रता परीक्षा के नाम पर ठगी क्यों ?
( हरियाणा के मुख्यमंत्री का विधान सभा में जवाब कि प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की अब जरूरत नहीं कितना शातिराना है सोचिये? जब प्रदेश में शिक्षकों की जरूरत ही नहीं तो फिर क्यों पिछले दस सालों से शिक्षक पात्रता के नाम पर बार-बार बेरोजगार युवाओं की जेब काटी जाती रही […]
हर्षोल्लास के पावन पर्व होली की अनन्त शुभकामनाएं : मनमोहन शर्मा ‘शरण’
सर्वप्रथम आप सभी को हर्षोल्लास के पावन पर्व होली की अनन्त शुभकामनाएं । बात हम होली और जो ‘हो + ली’ (कोराना महामारी) उसकी भी करेंगे । जो बात हो़ली, जिससे पूरा विश्व अचम्भे में, सकते में आ गया था । 2021 आते–आते हम खुशी मनाने लगे कि चलिए […]
अभिव्यक्ति संस्था के कार्यक्रम “होली की बहार, काव्य की बौछार” में रचनाकारों ने खेली काव्य-होली
दिनांक १४ मार्च २०२१ का दिन अभिव्यक्ति साहित्यिक संस्थाके लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा क्योंकि “अभिव्यक्ति साहित्यिक संस्था” की ओर से, होली के उपलक्ष में, “होली की बहार, काव्य की बौछार” कार्यक्रम का भव्य आयोजन, रोहिणी (दिल्ली) में कार्यक्रम आपकीं दोस्त Madhu Madhubala Labana जी के निवास स्थान पर सफ़लतापूर्वक सम्पन्न […]
कुछ मोती ऐसे,कोहेनूर जैसे
कुछ शब्द या पंक्तियां ऐसी होती हैं जो जिन्दगी में मन को छू जातीं हैं,अगर उनका मनन कर के व्यवहार में ले आएं तो जिन्दगी ही बदल देतीं हैं।शब्द भले ही निःशुल्क लेकिन यह चयन पर कीमत मिलेगी या चुकानी होगी।पिछले 45-50 वर्षों से मैं जब भी कोई अच्छा प्रेरक […]
न्याय प्रणाली की सूरत बदलनी चाहिए !
मानव गलतियों का पुतला होता है ऐसा आप सबने जरूर सुना होगा किन्तु मानव जो भी गलतियां करता है उसके पीछे या तो उसकी अपनी मजबूरी होती है या उसका अपना बनाया दकियानूसी सिस्टम ! जी हां ! आज मै एक पत्रकार और लेखक होने के नाते जिस मुद्दे को […]
टूटे पैर वाले पोस्टर
(राजनीतिक सफरनामा) कुशलेन्द्र श्रीवास्तव सबकी अपनी-अपनी किस्मत होती है दीदी के पैर की भी अपनी ही किस्मत है । चोट खाया पैर बड़े-बड़े पोस्टर-बेनरों में पूरी आभा के साथ दिखाई देने लगा है । जहां कल तक पश्चिम बंगाल की गलियों में चुनाव चिन्ह वाले पोस्टर चमक रहे थे अब […]