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कंजके (कन्या भोज)पर कविता

चलों चलों आज फिर से गुलजार करतें हैं बचपनवो छोले पूड़ी हलवेकी महक ताजाकर कंजक(कन्या) बनगुल्लक भरते हैं फिरपुरानी यादों से …हर पर्व अपनी महक और स्वाद लिए आता है,रह रह कर बचपन की याद दिलाता है,क्या वो दिन थे औरक्या थे जलवे,आहा! वो छोले,पूड़ी और हलवे!चलों आज फिर सेगुलजार करतें हैं बचपनमाँ अंबा की…

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राष्ट्रीयता के स्तम्भ है पण्डित दीनदयाल उपाध्याय !

जातिवाद से ऊपर उठकर पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी ने अंत्योदय उत्थान का जो प्रयास प्रारम्भ किया आज वो सबके लिए अनुकरणीय है । उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ जातिवाद चरम पर है वहीं दूसरी तरफ पढ़े लिखे वर्ग का प्रतिनिधित्व भी बढ़ा है किन्तु दुखद है कि आज भी कुछ लोग जातिवाद के नाम…

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अब के बरस मानव चेतना की जागृति के दीप जलाएँ

कविता मल्होत्रा (संरक्षक एवं स्थाईस्ताभ्कर) राम राज्य की आकांक्षा तो सभी किया करते हैं मगर खुद राम होने से डरते हैं।अग्नि परीक्षा महिलाओं की ज़िम्मेदारी है।आज तक द्रौपदी का चीरहरण जारी है। कितने युग बीत गए मगर उस युग की महक आज भी हर एक मन को सुवासित करती है।कौन है जो मीरा के भक्तिभाव…

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तोता मैना

कहता तोता सुन री मैना मान ले अब तो मेरा कहना मैं लाता हूं दाना पानी तुम घर पर ही रहना। नन्हे-मुन्ने लाल हमारे काला कौवा घात लगाए पंख फैलाकर उन्हें छुपाना चाहे भूख प्यास सब तजना। मानव अब हैवान बना है चारों और धुआं घना है बालक वृद्ध और नारी को पड़ता है सब…

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जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ

ऋतुएँ तो आती जाती रहेंगी नए-नए रंग दिखाती रहेंगी आ.डॉ सरोजिनी प्रीतम जी हंसिकाओं से हंसाती रहेंगीं एक ऐसी हास्य परी जो अपने सान्निध्य में आने वाले हर उम्र के व्यक्ति को मुस्कुराहटों का अनमोल तोहफ़ा निःशुल्क उपलब्ध करवातीं हैं।हर घटना पर अपने चुटीले अँदाज़ से व्यंग्यात्मक हंसिकाएं रचकर समूची मानव जाति की मानसिकता को…

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खादी

बिजली शिक्षा , नाली सडक और स्वास्थ्य  छोड़ो मित्रो ये सब चिन्ता , कुछ  खादी की बात करे रेशमी पैबन्द से हार जाए, तो भी कोई बात नहीं खादी को हिंदुस्तान कह देना भी ,कम बड़ी बात नहीं खादी बनने की प्रक्रिया ने बतलाया आज मुझे तन ढकने से लेकर खादी राष्ट्रध्वज तक  मान तुझे…

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‘बापू’तेरी जैसी संतान पाकर,

डॉक्टर सुधीर सिंह ‘बापू’तेरी जैसी संतान पाकर, भारत माता धन्य   हो गई थी. आज भी वैसी संतान के लिए, व्याकुल हो रही है  माँ भारती! विषमता से भरे इस समाज में, देशभक्तों की बहुत ही कमी है. परेशान  भारत माता कहती है, कोईअब महात्मा गांधी नहीं है. बापू! ईमानदारी की पूछ नहीं, दिव्य-दृष्टि से तुम…

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मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर भगाएंगे अवसाद !

मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां ,कार्यस्थल पर तनाव निवारण कार्यक्रम, हिंसा निवारण कार्यक्रम इत्यादि को संचालित कर के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं । इससे एक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सशक्त व्यक्ति का निर्माण एवं एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता हैं ।  एक शारीरिक एवं मानसिक रूप…

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गाँधी जी व शास्त्री जी (दोनों विभूतियों को नमन!)

मनमोहन शर्मा ‘शरण’ (संपादक) 2 अक्टूबर , दो महान विभूतियों की जयन्ती (राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, जिन्हें हम बापू कहकर भी पुकारते हैं और किसानों के मसीहा कहें अथवा अपने जीवन में शून्य से शिखर तक की यात्रा तय करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी) पर बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं ।देश की जनता का…

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युवा पीढ़ी के प्रेरणा स्त्रोत है- मनमोहन शर्मा ‘शरण’

लाल बिहारी लालधरती पर लोग जन्म लेते है और अपने ढंग से जीते है औऱ एक दिन इस दुनिया को छेड़कर चले जाते हैँ।यही प्रकृति का नियम है।लेकिन इस धरातल पर कुछ ऐसे महान यशस्वी भी जन्म लिए है जो हमारे बीच हैं,जो दूसरों के लिए जीते है औऱ अपने सद्कर्मों से जन मानस के…

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