परियों की नन्ही शहजादी
परीलोक से परियों की नन्ही शहजादी आई,नन्हे हाथों के नन्हे पंखों से उड़ कर आई। उससे बातें करते रहना,कितना अच्छा लगता,जी भर कर देखें उसको पर,कभी नहीं जी भरता। इंद्रलोक की सबसे सुंदर सूरत लेकर आई।घर के मधुबन की क्यारी में ज्यों बसंत ऋतु आई।परीलोक से परियों की नन्ही शहजादी आई। सुंदर हीरे मोती सी…