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डिजिटल इंडिया में सबसे बड़ा झोल

ऑनलाइन ठगों से सावधान
एक तरफ डिजिटल इंडिया की बात कहकर तथा ऑनलाइन ट्रांजेक्सन को बढ़ावा देने की बात कही जाती है कि कैशलेस ट्रांजेक्शन होंगी तभी डिजिटल इंडिया बनेगा, व्यापार करना, लेनदेन करना सुगम हो जाएगा ।
ठीक है, सच भी है, आजकल ऑनलाइन ट्रांजेक्सन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए बाजार में अनेक अन्य विकल्प भी सामने आ गए हैं । PayTm, GooglePay, आदि ।
सुनने में जितना सहज और अच्छा लगता है, यदि आप जालसाज गिरोह की चपेट में आ जाते हैं तब मिनटों में कितनी ही बड़ी चपत (नुकसान) लग सकती है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है और डरावना भी ।
एक ऐसा ही मामला हमारे सामने आया है जिसमें उपभोक्ता के पास मैसेज आता है कि आपकी पेटीमए केवाईसी कम्पलीट करनी है, तुरन्त कराईये नहीं तो आपका अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाएगा । उपभोक्ता के घर में कोई बीमार था और अस्पताल में भर्ती था । इसलिए उसकी मानसिकता भी ठीक नहीं थी ।
उस उपभोक्ता के पास फोन आता है कि केवाईसी करा लीजिए, मैं आपकी सहायता कर देता हूं । मैं पे–टीएम कस्टमर केयर से बात कर रहा हूँ ।
इसी क्रम में उसने एक सॉफ्टवेयर डाउनलोड कराया और 10 रूपये की पेमेंट करने को कहा । जैसे ही उपभोक्ता ने अपने डेबिट कार्ड से पेमेंट की तुरन्त एक और बड़ी रकम कटने का मैसेज आ जाता है । काफी भागदौड़ की, हाथ–पैर मारे, अपने सम्बंधित बैंक के कस्टमर केयर में भी अपना कार्ड ब्लॉक करा दिया । इस पूरी प्रक्रिया में 10–15 मिनट लग गये और डेबिट कार्ड ब्लॉक होने पर उपभोक्ता ने एक लम्बी सांस ली कि और रकम काटने पर तो रोक लग गई लेकिन तब तक वे बदमाश /ठग 60,254/– रूपये उड़ा चुके थे । घटना की वार्ता बड़ी है, अभी संक्षेप में बताया गया है ।
अब इस नुकसान की जिम्मेवारी कौन लेगा ? पुलिस में, बैंक में, आरबीआई में भी शिकायत दर्ज करा दी गई है ।
व्यक्ति ने सादगी में यह भी कह दिया कि प्रधानमंत्री जी की भतीजी का पर्स छीन लिया गया और उस पर्स को दिलवाने में उस रकम से 30 गुना अधिक खर्च करके भी उसका नुकसान बचा लिया गया ।
क्या बिना पहचान वाले की कोई सुनने वाला नहीं है ।
व्यक्ति के पास सारे सबूत हैं जिससे यह स्पष्ट पता चलता है कि ऑनलाइन धोखा हुआ है, जालसाजी हुई है ।
जब तक साईबर एक्सपर्ट बिठाकर ऐसे जालसाज गिरोह को पकड़कर उनपर सख्ती से कार्यवही कर पीड़ित लोगों को मदद/राहत करने की पहल नहीं करेंगे तब तक डिजिटल इंडिया के अंतर्गत ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में यह डर बना ही रहेगा ।
राम राम

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