Latest Updates

धारा 370 का हटना : आई खुशी की लहर, पर खतरा भी बरकरार

-राजकुमार अरोड़ा’गाइड’

धारा 370 को हटाना नेहरू की ऐतिहासिक भूल को सुधारना है। अस्थायी धारा केवल वोट बैंक की राजनीति के कारण इतने लंबे समय तक चलती रही। यूँ तो राजीव गाँधी को400 से भी ज्यादा सीटें मिलीं थीं

पर वो क्या ऐसा करने की हिम्मत जुटा पाये, शाहबानो केस में ही संसद में बहुमत के अंधे जोर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही पलट दिया था

यह गलती भी अब तीन तलाक बिल पास होने से दूर हो गई।एक देश मे दो विधान का होना मूलभूत

अधिकार के ही खिलाफ थाऔर 35ए महिलाओं की स्वतंत्रता हनन।आज पूरे भारतवर्ष में खुशी व

साहसिक गर्व के एहसास का माहौल है।आज महबूबा मुफ्ती कहती है कि बंदूक के बल पर धारा 370 को हटाया गया,बताइये लाखों कश्मीरियों को दरबदर क्या फूलों का गुलदस्ता देकर किया था। आज 30

साल बाद भी विस्थापितों का जीवन जी रहे है, मालूम नहीं अभी वापसी में कितना समय लगेगा, पर आशा व ऊर्जा का संचार तो हुआ ।

अटल जी के जीवन की प्रारंभिक कविताएँ तो कश्मीर पर ही आधारित थीं, पांचजन्य के पत्रकार के रूप में 1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ थे। मुखर्जी के बलिदान के 66 साल बाद आज न्याय हुआ है,

केसर की क्यारी काँटों के जाल से निकल गुलाबों की महक को महसूस करेगी।1992 में मुरली

मनोहर जोशी की एकात्म यात्रा नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल चौक पर झंडा फहराने की रस्म केंद्र व

राज्य सरकार की रोक के बाद भी एक चुनौती के रूप मेंसम्पन्न हुई। सही अर्थ में आज पूर्ण स्वराज मिला है। मोदी व अमित की जोड़ी कार्य को परिणाम में बदलने का जनून रखती है।जम्मू कश्मीर का अर्थ पी ओ के व अक्साई चिन भी हैं,

यह हुंकार अमित शाह संसद में भर चुके हैं कि इसे प्राप्त कर के रहेंगे।

कंगाली व बार बार अंतराष्ट्रीय अपमान को झेलता अपने ही बिछाये

आतंकवाद से ग्रस्त पाक एक दिन घुटनों पर जरूर आएगा।  सीजफायर का बार बार उल्लंघन कर मुँह

तोड़ ज़वाब मिलने के बाद,दो बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक का दंश सहने पर भी बाज न आता पाकिस्तान अपने अस्तित्व को ही खो देगा।

आखिर कब तक पी ओ के व बलूचिस्तान के विद्रोह को दबाते रहेंगे।

अब जम्मू कश्मीर में अमन चैन की व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में होते ही यहाँ खुशहाली का दौर

होगा,रोज़गार का सृजन होगा।नए नए उद्योगों की स्थापना व बड़ी बड़ी फिल्मों की शूटिंग होंगी।

जम्मू व लद्दाख की जनता अब अपने को ठगा महसूस नहीं करेगी।पर हां,अभी एक डर बाकी है, यह चार मुहाँ पाक बदहाली के दौर में भी चैन से नहीं बैठेगा ।

सेना की तैनाती कुछ कम होने व हालात पूर्ववत बहाल होते ही आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी,सिर्फ यही नहीं, पूरे हिंदुस्तान में किसी भी जगह यह चोट खाया साँप फन फैलाएगा। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, हर समय सतर्क रह कर ही जूझना होगा।अब पूरे देश में राष्ट्रवाद का संचार है,राष्ट्रभक्ति की

भावना चरम सीमा पर है, हर देशवासी अपने को विजयी व गर्वित महसूस कर रहा है।सदियों से दबे

जम्मू कश्मीर ने अब अँगड़ाई ली है, आज़ादी की खुशबू सोंधी मिट्टी की

तरह महक रही है, फिजां में मतवालापन, बागों में बहार की आहट है, अब अज़ान के साथ मन्दिर की घंटी भी सुनाई देगी। मिल कर जीने की राह दिखी है।जयहिंद की गूंज है, लहराता तिरंगा है। पूरे विश्व में भारत की महत्ता व मान बड़ा है।

पर यह वक्त खुशियां मनाने के साथ सावधान रहने का भी है।सारे संसार में अकेला पड़ा पाकिस्तान, घायल अजगर की तरह छद्म रूप में ,गहरी चोट पहुंचाने से बाज नहीं आने वाला।मोदी,अमित,डोभाल की त्रिमूर्ति के आगे पाक सहमा तो है, पर थमा नहीं।खुद सत्ता के मजे लूटने वाले अब्दुल्ला व मुफ़्ती परिवार, गुलाम नबी क्या जाने,यह धारा कितना लहू पी गई और कितनी तबाही कर गई।

वास्तव में हमारा कश्मीर तो,अब हमारा अभिन्न अंग हुआ है, आज कश्मीर से कन्याकुमारी,

कच्छ से असम तक एक सूत्र में बंधा है भारत,अब कोई रोकटोक नहीं, सतर्कता, सावधानी के साथ,अब धीरे धीरे ही आगे बढ़ना होगा,तभी यह धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला,वास्तव में स्वर्ग होगा,जहाँ आनंद,

खुशहाली,जश्न, उमंग के वातावरण के साथ अपनेपन का एहसास भी होगा।

-राजकुमार अरोड़ा’गाइड’

कवि,लेखक व स्वतंत्र पत्रकार

बहादुरगढ़( हरियाणा)

मो० 9034365672

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *