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अनुराधा प्रकाशन की एक साथ 15 पुस्तकों का भव्य लोकार्पण संपन्न

21 जुलाई 2019, प्रातः 11 बजे से शाम 3 बजे तक अनुराधा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 13, 14 नहीं 15 पुस्तकों का भव्य लोकार्पण देश के जाने माने साहित्यकारों, चिंतको एवं समाजसेवियों की उपस्तिथि में किया गया, इंद्र देव ने वर्षा बात में शुरू की जब कार्यक्रम समापन होने को था , लेकिन उससे पहले प्रभु कृपा कितनी बरसी, कैसी बरसी कितने साहित्यकार सम्मानित हुए, इसकी विस्तृत रिपोर्ट आप जल्द ही मिलेगी , सहभागी रचनाकार स्वयम इसका विस्तृत उल्लेख करेंगे

मुख्य संपादक मनमोहन शर्मा ‘शरण’ ने मधु मधुबाला जी (सुप्रसिद्ध कवियित्री) एवं जसवंत सिंह तंवर जी को मंच सञ्चालन की बागडौर सौंपी और उन दोनों का सम्मान किया.

मंचासीन मुख्य अतिथि, आदरणीय डॉक्टर सरोजिनी प्रीतम जी, अति विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय हास्य कवि श्री महेंदर शर्मा जी, प्रसिद्ध गीतकार श्री पंकज शर्मा जी (एसोसिएट प्रोडूसर ‘आज तक’), श्रीमती कविता मल्होत्रा जी (क्रिएटिव डायरेक्टर), डॉक्टर सरला सिंह (4 पुस्तकों की लेखिका, कवियित्री), प्रकाशक एवं संपादक मनमोहन शर्मा ‘शरण’ , के स्वागत उपरांत माँ सरस्वती का माल्यार्पण किया गया एवं टी सीरिज कलाकार श्रीमती संगीता ग्रोवर ने अपनी मधुर आवाज़ में सरस्वती वंदना का गायन किया सभी शांत होकर सरस्वती वंदना का श्रवण किया और तालियों से स्वागत किया.

इसके बाद हो लम्हा आ गया जिसके लिए दूर दूर से (दिल्ली और बहार से भी –नागपुर, उत्तरप्रदेश (प्रतापगढ़, आगरा) तथा अन्य प्रदेशों से) सहभागी रचनाकार एवं कविगण आये थे. जी हाँ वही लम्हा 15 पुस्तकों का लोकार्पण

(पांच साझा संकलन — काव्य अमृत, कथा संचय, सीप में मोती-2, दिव्य चेतना, हास परिहास,  डॉक्टर सरला सिंह की 4 पुस्तकों (जीवन पथ (काव्य संग्रह), हिंदी के आधुनिक पौराणिक प्रबध काव्यों में पात्रों का चरित्र विकास, आशा दीप (काव्य संग्रह), मेरे जीवन का समर (काव्य संग्रह), भागलपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर सुधीर सिंह जी की 4 पुस्तकों (काव्य संग्रह)—‘माँ की याद मे’,  ‘बाल विवाह एक अभिशाप’ , ‘चेतना के स्वर’, ‘उठ जाग मुसाफिर’ तथा पटना (बिहार) से कवियित्री श्रीमती वीणा प्रशाद की पुस्तक ‘खुबसूरत अपनी दुनिया’ का भव्य लोकार्पण किया गया’, सभागार में श्रीमती अलका अग्रवाल जी आगरा से आयीं थी जो साझा संकलन की सहभागी रचनाकार भी है और उनकी हाल से में अनुराधा प्रकाशन से काव्य संग्रह ‘बोलते चित्र’ का प्रकाशन हुआ था, उसका भी अतिथियों द्वारा लोकार्पण किया गया

इस प्रकार 15 पुस्तकों का गुनी साहित्यकारों कि उपस्तिथि में लोकार्पण किया गया , तालियों कि गडगडाहट कम होने का नाम नहीं ले रही थी एक के बाद के लोकार्पण फिर तालियों से स्वागत , यह कर्म लगातार चलता रहा

इसके बात मधुबाला जी में प्रकाशक व प्रधान संपादक मनमोहन शर्मा ‘शरण’ जी को सभी पुस्तकों पर प्रकाश डालने हेतु आमंत्रित किया

मनमोहन शर्मा ने सभी को नमन करते हुए अनुराधा प्रकाशन द्वारा साहित्य, भाषा एवं अध्यात्म पर की जा रही सेवाओ पर भूमिका बांधते हुए साझा संकलन के 20 संकलन प्रकाशित हो जाने की बात से सबको अवगत कराया और मंच का ध्यान आकर्षित करते हुए विशेष उल्लेख किया की आज अनुराधा प्रकाशन परिवार साझा संकलन की 20वीं सीढ़ी पर आ गया है पर ये अति आवश्यक है कि पहली सीढ़ी की बात की जाये और उसके जिसका सहयोग मिला उसका उल्लेख किया जाये,

यहाँ उन्होंने श्रीमती कविता मल्होत्रा जी का विशेष उल्लेख करते हुए उन्हें अनुराधा प्रकाशन की और से ‘बेस्ट सपोर्ट अवार्ड’ प्रधान किया और साथ ही साथ मंचासीन मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया, डॉक्टर सरला सिंह को मंच द्वारा ‘राष्ट भाषा गौरव सम्मान’ तथा डॉक्टर सुधीर सिंह जी को ‘साहित्य साधक सम्मान’ प्रधान कराया  जिसका सभी ने करतल ध्वनी से स्वागत किया

मंच संचालिका मधु मधुबाला जी ने श्रीमती कविता मल्होत्रा जी को अपने वक्तव्य के लिए आमंत्रित किया.  उन्होंने बड़े ही विद्वतापूर्ण तरीके से अपनी बात कही अनुराधा प्रकाशन परिवार, मनमोहन शर्मा ‘शरण’, तथा सभी रचनाकार जिनकी पुस्तकों का लोकार्पण हुआ, बधाई दी,

अब अपने बात कहने के लिए डॉक्टर सरला सिंह जी को आमंत्रित किया गया , उन्होंने अपने पुस्तक प्रकाशन के संबध में अपने अनुभव साझा किया और अनुराधा प्रकाशन के साथ जो उनके अच्छे अनुभव रहे उनको साझा किया उन्होंने पुस्तकों से 2-3 कविता भी पढ़ कर सुनाई, जिसका मंचासीन अतितिथियों द्वारा तथा सभागार में उपस्थित गुनी जानो ने स्वागत किया .

मधुबाला जी ने अब राष्ट्रीय हास्य कवि महेंदर शर्मा जी को आमंत्रित किया, जिन्होंने बड़ी विद्वता पूर्वक अपने विचार रखे और अनुराधा प्रकाशन तथा सभी रचनाकारों को बधाई दी और ‘उत्कर्ष मेल’ पाक्षिक समाचार पत्र की प्रसंशा की.

प्रसिद्ध गीतकार, कवि, पत्रकार श्री पंकज शर्मा जी का आते ही उनका स्वागत किया गया और अंग वस्त्र, पुष्प गुच्छ, एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.

कुछ पलों के लिए आयोजन के माहौल को बदलते हुए मनमोहन शर्मा ‘शरण’ ने संपादक मंडल के सदस्यों को सम्मानित किया जिनमे मधु मधुबाला जी, जसवंत सिंह तंवर, रितु गोयल (आगरा से) को सम्मानित किया , रितु जी का सम्मान उनकी मित्र अलका अग्रवाल जी ने प्राप्त किया (ये भी आगरा से ही आयीं थी)

मधुबाला जी ने श्री पंकज शर्मा जी को आमंत्रित करते हुए उनकी शान में चंद पंक्तियाँ कहीं , सभी ने तालियों से उनका स्वागत किया

पंकज जी ने सभी का स्वागत स्वीकारते हुए उन सभी को बधाई दी जिनकी पुस्तकों का लोकार्पण हुआ और अनुराधा प्रकाशन परिवार को भी बधाई दी कि एक साथ 15 पुस्तकों का लोकार्पण कर सभी को सथोचित सम्मान दिया

इसके बात उन्होंने अपने गीत पढ़कर सुनाये जिसका सभी ने आनंद लिए और तालियों से स्वागत किया

अब कविता मल्होत्रा जी और मनमोहन शर्मा जी ने मिलकर सभी सहभागी रचनाकारों को तथा शालिनी को सम्मानित किया.  जसवंत सिंह तंवर जी ने हास्य पुट डालते हुए कुशल मंच सञ्चालन लिया और एक एक करके सभी आगुन्तक कवि कवियित्रियों को कविता पाठ के लिए आमंत्रित किया

सहभागी रचनाकारों में डॉक्टर सरला सिंह, मंगला रस्तोगी, रश्मि श्रीधर, जसवंत सिंह तंवर, प्रियंवदा ‘पीहू’ (वंदना), विनोद कुमार गुप्त (अटल मुरादाबादी), रेनू शर्मा (आगरा), डॉक्टर माधवी कुलश्रेष्ट, डॉक्टर मनोज मोक्षेन्द्र, डॉक्टर सुधीर सिंह, ललिता कटारिया, कविता मल्होत्रा, प्रेम वर्षा सेठी, अलका अग्रवाल (आगरा), शरद अग्रवाल (आगरा), शुभांगी कुमारी ‘चन्द्रिका’, कृष्णा शर्मा (फरीदाबाद), जय प्रकाश सूर्यवंशी (नागपुर), गंगा प्रशाद पाण्डेय ‘भावुक’ (प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश) तथा अन्य कवियों में हीरेन्द्र चौधरी ‘जापानी’, सरोज सिंह, नीलोफर नीलू, निर्मला गुप्ता, कमल पांचाल, शिव भारद्वाज ‘प्रेरक वक्ता’ थे.

पूरे आयोजन में शालिनी, उत्कर्ष तथा कमल पांचाल ने कुशलतापूर्व व्यवस्था बनाने में सहयोग बनाये रखा .

धन्यवाद ज्ञापन के साथ आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

—–‘पुनीता शुक्ला’  

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