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कोरोना अवसाद में “संगीत” संजीवनी*

दुनिया के बड़े से बड़े शहर आज सुनसान हैं। लोग घरों में कैद हैं, तनाव में हैं और परेशान हैं। सोशल मीडिया से लेकर टेलीविजन, न्यूज चैनलों पर चल रहे नकारात्मक दृश्य व घटनाएं लोगों को विचलित और उदास महसूस करा रहे हैं। इस स्थिति में गायन एवं कला से जुड़े लोगों का कहना है कि लोग सकारात्मक रहे और संगीत सुनें। संगीत व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक रोगों से मुक्त कर हमारे अकेलेपन व तनाव को दूर करता है। दर्द चाहे तन का हो या मन का संगीत दोनों में ही लाभकारी होता है।

*सकारात्मक रहने के लिए सुनें पसंदीदा म्यूजिक*

मानसिक तनाव व सिरदर्द में हमें कोई भी अच्छा संगीत सुनना व गुनगुनाना चाहिए। जब भी उदास महसूस करें तो अपना पसंदीदा संगीत गीत, गजल, भजन, फिल्मी गाने गाए व सुने और दूसरों को भी सुनाएं। इससे मन शांत होगा और तनावग्रस्त मांसपेशियों को आराम मिलेगा। संगीत हमें आशावादी व सकारात्मक महसूस कराता है। अगर हम नियमित संगीत सुनते हैं एवं  गाते हैं तो हमारा दिमाग अधिक स्वस्थ व खुशमिजाज रहता है।

*इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है संगीत*

* संगीत सुनने से हमारे शरीर में इम्यूनोग्लोकलिन ‘ए’ में वृद्धि होती है जिससे हमारे शरीर की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं।

* गाना गाने से कंठ व फेफड़ों का एक अच्छा व्यायाम होता है इससे फेफड़े स्वस्थ और मजबूत बनते हैं।

कंठ द्वारा स्वर साधना करते हुए प्राणायाम स्वतः ही हो जाता है जो कि श्वास नियंत्रण हेतु सर्वश्रेष्ठ व्यायाम माना जाता है जिससे श्वास संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।

*रागों में कई रोगों का निवारण*

भारतीय शास्त्रीय संगीत के रागों में विभिन्न रोगों का निवारण मिलता है। संगीत के सात सुरों में छपे राग हमारे मन को शांति देने के साथ रोगों को भी दूर करने में समर्थ हैं

*भैरव राग*

इस राग को गाने से कफ संबंधी समस्याएं मुक्त होती हैं।

*राग जयजयवंती*

इस राग को गाने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है व क्रोध को दूर कर मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है।

*भैरवी राग*

इस राग को गानेसे सर्दी, दमा, इंनपल्सऐंजा, प्यूरिसी व क्षय रोगों से मुक्ति मिलती है।

*भीमपलासी, मुलतानी व पट्दीप राग*

इन रागों को गाने से नेत्र रोगों में लाभ प्राप्त होता है।

यह बात बिल्कुल सही है कि संगीत मात्र मनोरंजन का साधन नहीं है बल्कि मनोपरिवर्तन का भी माध्यम है। इसलिए कोरोना महामारी के दौर में तनाव से मुक्ति लीजिए और पूरे मन से संगीत सुनिए। संगीत भगवान का एक वरदान है जो लोगों के जीवन में जीने की उमंग पैदा करता है। यदि हम महसूस करें तो हमारे चारों और संगीत है सिर्फ महसूस करने की आवश्यकता है।

और अंततः में यही कहूँगा-

ऐसे ना हो उदास, मन में रखो सदा विश्वास।

गीत-संगीत धरोहर हैं अपने पास, कोरोना का होगा जरूर विनाश।

लेखक-

राहुल राज विश्वकर्मा, भोपाल

 M.A (Music)

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