Latest Updates

बातों से बात नहीं बनती साहब!

सम्पादकीय (मनमोहन शर्मा ‘शरण’)

पूरे विश्व में मानव जाति पर कोरोना बहुत बड़े संकट के रूप में छाया हुआ है । भारत की बात करें तो दूसरी लहर में क्या–क्या घटित हो गया यह किसी से छिपा नहीं है । दूसरी लहर में युवाओं पर कहर टूटा और संख्या गिनती से परे है । कुछ बातें घोषणाओं के रूप में सामने आर्इं उन परिवारों की मदद हेतु किन्तु किस प्रकार वे प्राप्त कर सकेंगे यह स्पष्ट नहीं हुआ, लोग असमंजस में हैं । आज सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को न्यूनतम राशि निश्चित करने को कहा है । इस पर तो आशा है कि कार्यवाही निश्चित ही होगा और सांत्वना स्वरूप कुछ आर्थिक मदद का मार्ग खुलेगा । यहाँ हमें एक बात पर और ध्यान देना होगा – राज्य/केंद्र सरकार के स्तर पर कि जिस परिवार का इकलौता कमाने वाला चला गया उस परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी अथवा गुजर बसर की व्यवस्था होने तक यअच्छी राशिद्ध मासिक पेंशन देने का प्रावधान करने पर विचार करना चाहिए ।
अभी कोरोना के मामले कम हुए हैं लेकिन सावधानी में कमी हमें नहीं लानी है । व्यक्तिगत–संस्थागत अथवा राजनैतक स्तर पर भी । हलचल प्रारंभ हो चुकी है, जिस प्रकार लॉकडाउन हटने के बाद लोगों ने नौकरी–पेशे पर जाना आरंभ कर दिया उसी प्रकार राजनेताओं ने नेतागीरी के लिए भी चहलकदमी शुरू कर दी । जैसे µ दिल्ली छोड़ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी पंजाब में पार्टी के लिए जमीं मजबूत करने की जुगत में पहुँचे, दूसरी ओर क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिधु अपने राजनैतिक समीकरण सुधरने दिल्ली पहुंचे । साथ ही प्रियंका वाड्रा पर भी कांग्रेस की जिम्मेवारी है इसलिए उत्तर प्रदेश में अपना हाथ आजमाने हेतु वो कुछ समय के लिए वहीं रहकर पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करेंगी और जनता से सीधा संवाद स्थापित कर पार्टी के लिए जमीन तैयार करने के लिए कोई कोर–कसर नहीं छोड़ेंगी । सब अपने अपने काम पर लगे हैं, आप भी करिये किंतु कोरोना गाईडलाइंस का पालन अवश्य करिये । एक बार की ढील हमें दूसरी लहर के रूप में कितना भारी पड़ रही है, सब जानते हैं । डॉक्टर की पूरी सलाह माननी है और भयमुक्त रहना है, और अपने को सुरक्षित रखना है । जान है तो जहान है––––––

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *