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संस्मरण : यादगार बोहाग बिहू

बैशाख का महीना असम के लिए खास होता है। बैशाख जिसे असमिया में बोहाग कहते है, इस महीने में बोहाग बिहू मनाया जाता है। यह रोंगाली बिहू और भोगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता है। गांवों में घर धन-धान्य से भरे होते है। भोग करने के साधन होते हैं और फल-फूल से भरे खेत खलिहान और नए कपड़ो में सजे युवा वर्ग बिहू नाचते है, अतः रंगाली बिहूके नाम से इस बिहू को जाना जाता है।  नगर , शहरों में बिहू उत्सव का आयोजन होता है।

हमारे जोरहाट के जीमखाना क्लब में भी बिहू नाइट का कार्यक्रम था। विबज्योर ( VIBGYOR) के अनुसार 7 रंग के कपड़े पहन कर हम महिलाओं ने एक फैशन शो का आयोजन किया। बिहू नृत्य और असम की पोशाक पर आधारित कार्यक्रम भी रखा गया। मैंने भी भाग लिया। लाल शादी का जोड़ा (जो काफी भारी था) पहना और असमिया गहने भी। लेडीज रुम में तैयार हुए। जमीन पर टाइल्स में असमानता थी  करीब एक डेढ़ इंच की। बस, यहीं पर ठोकर खा कर गिर पड़ी। कुछ देर तो समझ में ही नहीं आया कि हुआ क्या! फिर सबको अपने पास भीड़ करते देखा। होंठ, ठुड्डी में चोट आई।  मगर पैर और घुटनों में असहनीय पीड़ा होने लगी।बांए पैर में बहुत दर्द था। लगा हड्डी टूट  गई है! जैसे तैसे गाड़ी में आकर बैठी और घर पहुंची। दूसरे मंजिल तक चढ़ने में मानों पहाड़ ही टूट पड़ा था! खैर, अगले दिन कुँवरी पुखुरी से एक वैद्य को बुलाया गया जो, हड्डी जोड़ने के लिए प्रसिद्ध है।

कहते है कि बरसों पहले एक व्यक्ति हिरन का मांस किसी पत्ते में बांधकर घर आया। घर लौटकर उसने देखा कि हिरन का कटा मांस और हड्डी जुड़ चुकी थी। इस तरह से इस दवा का आविष्कार हुआ।  जिस जगह प्लास्टर सम्भव नहीं होता या फिर एलोपैथी हार मान लेते है, वहां इस दवा का महत्व बढ़ जाता है। लोग-बाग बहुत दूर दराज से इलाज करवाने आते है।

हड्डी जोड़नेवाली यह दवा 5 तरह की पत्तियों से बनती है। 12 घंटे में दर्द से आराम दिलाती है। 12 घंटे लगा कर खोल देना होता है। अगले दिन फिर  12 घंटे लगाना होता है। इस तरह 3 या 5 या 7 दिन लगाया जाता है। जहां प्लास्टर न हो सके वहां इसे लगाकर ठीक किया जाता है।

गुरूवार को दवा नहीं लगाते। शनिवार को मैं गिरी थी। रविवार, मंगलवार और शुक्रवार को दवा लगाया। मुझे बहुत राहत मिली और घर का थोड़ा-बहुत काम भी करने लगी। वेद्य जी से भी और आने को मना कर दिया। अब कल से फिर दर्द होने पर आज एक्स रे किया तो पता चला कि 11॰25 mm  का हेयर क्रेक है। मजे की बात तो यह है कि उन्होने पहले दिन ही छूकर कहा था कि हेयर क्रेक है। 10 दिन पैर पर जोर न दें, दवा लगा दुंगा ,ठीक हो जाएगा।  ओर्थोपेडिक डाक्टर को आज दिखाया है। प्लास्टर करना चाह रहे थे। मैंने मना कर दिया। आशा है, महीनेभर बाद पूरी तरह से ठीक हो जाऊँगी।

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रुनू बरुवा रागिनी

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