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मैच फिक्सिंग ( हास्य कविता )

मैच खिलाड़ियों का फील्डिंग में होता था ,

देखो ,

हारकर भी खिलाड़ी चैन से सोता था ,

हम सोचते थे पहले ,हर मैच में ही हार होती है ,

क्या समझते थे हम कि ,

जिंदगी दुशवार होती है ।

जीतते है तो बस दुनियाँ में ही नाम होता है ,

मिलते है कम पैसे तो जीना हराम होता है ।

अब समझ में ये आया तब ये जाना है ,

मंजिल कोई भी हो ,अब फिक्स का ही जमाना  है ।

फिक्स के नाम पर लोग क्या -क्या फिक्स कर रहें है,

दूसरों की  जेब से अपने ही घर को भर रहें है ।

इसकी टोपी उसके सिर धर रहे है ,

करनी करें खुद

पर दूसरों के नाम मढ़ रहे है ।

अब जाके ये समझा है ,

मैच फिक्सिंग में बड़ा आराम है ,

हारते है फील्ड पर

पर घर में तो बड़ा मान है ।

  डा .माधवी कुलश्रेष्ठ

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