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हर बार जीतना जरूरी नहीं है

हर बार जीतना जरूरी नहीं है कभी-कभार हार भी जाया करो।

सारी बाजियों में दिमाग का काम नहीं होता, कभी दिल भी लगाया करो।।

और हमें यूँ  टकटकी लगा कर ना देखते रहा करो।

कभी-कभार अपनी पलकों को भी झपकाया करो।।

दोस्त, तमाम उम्र किसी का साथ तुम ना दिया करो।

नए पंछियों को खुद से उड़ने का भी मजा लेने दिया करो।।

और तुम हुनरमंद हो सकते हो आँसुओं को छुपाने में बड़े।

कभी-कभी अपने तकियों को भी धूप में सुखाया करो।।

और माझी को पता होता है नदी के बहाव का बखूबी।

ना बेमतलब उसको तुम अपना मशवरा दे आया करो।।

सोने दिया करो मुझे चैन से झींगुरों के संगीत के साथ।

हर रात को ना तुम कोई-न-कोई गीत गुनगुनाया करो।।

©डॉ. मनोज कुमार “मन”

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