Latest Updates

अशोक मिज़ाज की ग़ज़ल

सुरों की बज़्म सजाओ नहीं तो चुप बैठो,

ग़ज़ल के शेर सुनाओ नहीं तो चुप बैठो।

है कौन चोर इधर  कौन चौकीदार इधर,

उन्हें पकड़ के बताओ नहीं तो चुप बैठो।

मज़ा खराब करो मत फ़िज़ूल बातों से,

ज़रा सी और पिलाओ नहीं तो चुप बैठो।

चले तो आये हो तुम भी हुनर की महफ़िल में,

कमाल कर के दिखाओ नहीं तो चुप बैठो।

चले गए हैं कई  लोग उठ के महफ़िल से,

तुम उनके साथ में जाओ, नहीं तो चुप बैठो ।

अशोक मिज़ाज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *