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तोता मैना

कहता तोता सुन री मैना

मान ले अब तो मेरा कहना

मैं लाता हूं दाना पानी

तुम घर पर ही रहना।

नन्हे-मुन्ने लाल हमारे

काला कौवा घात लगाए

पंख फैलाकर उन्हें छुपाना

चाहे भूख प्यास सब तजना।

मानव अब हैवान बना है

चारों और धुआं घना है

बालक वृद्ध और नारी को

पड़ता है सब सहना।

तरुवर काट महल बनाए

कोटर में हम रहने आए

महलों पर भी बम में गिरा के

चाहे अब क्या करना।

पशु-पक्षी मानव की दुनिया

रंग रंगीली सजी थी बगिया

सब आपस में ही लड़ भिड़कर

होगा भूत प्रेत का रहना।

हेमलता राजेंद्र शर्मा मनस्विनी

साईं खेड़ा नरसिंहपुर

मध्य प्रदेश

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