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“साइंस फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग” पुस्तक का लोकार्पण

विज्ञानं भवन नई दिल्ली में इंडियन ब्रेव हार्ट्स संस्था द्वारा आयोजित सम्मान लोकार्पण समारोह में टेक्निकल प्रोफेशनल एजुकेशन इन इंडिया के डायरेक्टर डॉ प्रभाकर राव गोविन्द राव चावरे द्वारा लिखित एवं श्री रामानुज सिंह ‘सुन्दरम’ द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘साइंस फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग’ का लोकार्पण धर्माचार्य श्री सुधांशु महाराज जी, एम पी श्री मति सुनीता दुग्गल, जस्टिस संगीता धिंगरा, जज श्री विजय खुराना, आई. ए. एस. श्री ज्योति कलश, चांसलर श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव, एडिशनल डिस्ट्रिक्स एंड सेशंस जज श्री अमित कुमार यादव, चेयरमैन राष्ट्रीय कमीशन फॉर माइनॉरिटी श्री इक़बाल सिंह लाल पुरा, चेयरमैन इंस्टीटूशन्स ऑफ़ इंजीनियर्स (इंडिया) श्री दिनेश कुमार, पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री कविंदर गुप्ता, संस्था के प्रेजिडेंट श्री देवेंद्र पंवार एवं ट्रस्टी श्री मति मोनिसा भाटिया इत्यादि अनेक गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया ।  

बलवंत प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह संशोधित एवं परिवर्धित द्वितीय संस्करण की पुस्तक दर्शाती है कि सभी जीव किसी की सहायता के बगैर अपने आप प्रकृति रूप में उत्पन्न होते हैं। यह पुस्तक वानर से मानव का विकास वाली पूर्व धारणा का खंडन करती है और बताती है कि जैसे सभी जीव खुद उत्पन्न हुए हैं वैसे ही मानव भी प्रकृति रूप में खुद उत्पन्न हुआ और वह भी सर्वप्रथम भारत में उत्पन्न हुआ ।

यह पुस्तक प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन के विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी है । इसमें मानव की उत्पति से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान है, मनुष्य जाति को अंधविश्वासों से मुक्ति मिलेगी । स्व उत्पत्तिवादी सिद्धांत E -7  को प्रतिपादित करती यह पुस्तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से वास्तविक सृष्टि का अवलोकन करती है और बताती है कि सभी सृष्टि विज्ञानं के तहत चलती है । आज का युग विज्ञान का युग है, इसलिए मानव उत्पति के लिए वैज्ञानिक आधार ही माना जायेगा न कि कोई तर्कवाद, माईथोलोजी  या  टेलियोलॉजी ।

–           रामानुज सिंह ‘ सुन्दरम’

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