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दीया

मिट्टी ढ़ो ढ़ो कांधे-सिर भार कुम्हार का जुटा परिवार ; गढ़ेंगे दिया भरूकी चाक पर खभारू यापन जीवन संसार! ⭐ रौशनी दूर से टिमटिम झांके अनुरागी आगत को मनाने, हांथ बांध कमर कस तैयार जीवन अंधस तिमिर भगाने! ⭐ फोड़ती माटी का ढ़ेला उदह पानी माटी फुला रही, पैरों से रौंद रौंद कर वह गारा…

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