ख़ूब तड़पती रही गिलहरी गर्म तवे के भभके से सबने इसे तमाशा समझा, ताली पीटी, चले गए हम सब तुम्हारे अपराधी हैं प्रियंका! जाओ, अपने फफोलों के लिए मत तलाशो यहाँ कोई आँसू। परलोक में जाकर निर्भया को ख़बर कर देना, कि उसकी मौत पर जली मोमबत्तियों की रौशनी अब […]
Month: November 2019
प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ अरविन्द कुमार त्यागी सम्मानित
अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष रामचन्द्र राही जी ,उपाध्यक्ष सच्चिदानंद जी , महासचिव अवधेश मिश्रा जी, सचिव प्रबोध चन्दोल जी , कोषाध्यक्ष कुसुम शाह जी , कार्यकारिणी सदस्य अनिरुद्ध बडगुजर जी एवं विशिष्ट अतिथि श्री विश्वरूप रायचौधरी जी द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए […]
इंडो नेपाल हास्य कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन
कल दिनांक 23 नवंबर 2019 को साहित्य कला विकास मंच दिल्ली द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इंडो नेपाल हास्य कवि सम्मेलन का भव्य कार्यक्रम दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित मालवीय स्मृति भवन में किया गया । कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के बरसों से चले आ रहे सांस्कृतिक […]
नारी (कविता-9)
नारी नारी कुल की मर्यादा है। नारी उपहास की चीज नहीं। जो मान घटाए नारी का, तो उसको कोई तमीज नहीं।। सम्मान आबरू है नारी। सब कुछ समाज पर है वारी। आगे बढ़ने दो नारी को, उसकी सीमा दहलीज नहीं,,,,,,, प्रसव की पीड़ा कौन कहे। हर गम को नारी मौन […]
अलौकिक नारी (कविता-8)
नारी की एक अलौकिक कहानी है, उसकी जन्म से मृत्यु तक रवानी हैं। जब वो जन्मती हैं किसी आँगन में, तब वह सभी की प्यारी बन जाती हैं । जब वो छमाछम आँगन में खेलती हैं, तब वो सभी की हँसी बन जाती हैं। जब वो बड़ी होकर शिक्षा लेती […]
नारी (कविता-7)
हम नारी आज की हो या कल की सब को साथ लेकर चलती हैं अपने सच्चे मन से बड़े जतन से खेल गुडिया का हो या हो प्रसाद की पुडिया मायेका हो या ससुराल सब कुछ साँझा करती हैं प्यार , दुलार या हो उपहार खुद अपने लिए छाटती नहीं काट […]
नारी (कविता-6)
विश्व की शान है नारी विश्व की …………. हर घर की पहचान है नारी नारी है तो मान है नारी है तो सम मान है क्यों भूल जाते हो नारी ही नर की खान है नारी है हर सफलता है नारी है तो ममता है नारी से ही समता है […]
नारी (कविता-5)
प्रणाम तुझे ए नारी शक्ति, तू अपने में उत्कर्ष है। पार करे सारी विपदाएं, तू अपने में संघर्ष है। साहस और बलिदान की देती नई मिसाल है। तू मानव जननी,तू पालनकर्ता,तू ही तो ढाल है। आदरणीय है,सम्मानित है तू सेवा की मूरत है। मां रूप में देखो तो,तू ईश्वर की […]
अनारी नारी (कविता-4)
अनारी नारी अशिक्षा की पिटारी बड़ी बीमारी।। शिक्षित नारी परिवारी जेवर फूलों की क्यारी।। नारी महान देती जीवन दान करो सम्मान।। नारी जनक पीढ़ियों की पोषक छुये फ़लक।। नारी दिवस लड़े अधिकार को मारे गर्भ को।। सशक्त नारी हर क्षेत्र पे कब्जा तोड़ती भ्रम।। क्रांति जगाती भ्रांतियां झुठलाती दिये की […]
नारी है इस जग की मूल… (कविता-3)
नारी है इस जग की मूल रे नर! दे न इनको शूल….. त्याग, समर्पण, सेवा धर्म करती यह तन्मय हो कर्म रखती हरदम सबका मान घर, आंगन की इनसे शान झोंक न खुद आँखो में धूल रे नर! दे न इनको शूल…. दिव्य गुणों […]