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लव आजकल

कविता मल्होत्रा (स्तंभकार उत्कर्ष मेल) यदि किसी बच्चे को जन्म के तुरँत बाद केवल ऊपरी ख़ुराक पर किसी हिंसक व्यक्ति के सान्निध्य में पाला जाए तो उसका व्यक्तित्व कैसा होगा?  बिन माँ के बच्चे जैसा ही होगा ना?  लेकिन हम सब तो भारत माता के बच्चे हैं फिर हमारे वजूदों में इतनी व्याधियाँ कहाँ से…

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रँग भेद (एक कथालेख)

गाँ।व की पगडंडी-उस पर चलती हुई मैं।दूर एक पतली सी नदी बहती है जो पथरीली जमीन से होती हुई एक मैदान में पहुँचती है ।जलधारा कभी बहुत पतली हो जाती है और वर्षा का सहारा ले कभी कुछ चौड़ी और छोटी छोटी तरंगों से युक्त भी।अचानक ही इच्छा हुई उस नदी को देखने की।बच्चों को…

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अनुभव

वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती सविता चडढा की कलम से उनका नाम डी डी त्रिपाठी अर्थात धर्म ध्वज त्रिपाठी था। वे रायबरेली के विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे । पता नहीं कहीं उन्होंने मेरी एक  कहानी किसी पत्रिका में पढ़ी थी और उन्होंने उस पर प्रतिक्रिया स्वरुप अपना पत्र मुझे लिखा था । कहानी उन्हें पसंद आई थी…

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विश्व रेडियो दिवस पर विशेष

यशपाल सिंह रेडियो दिवस के इस अवसर पर जब मैं पिछले 50-55 साल का रेडियो का इतिहास याद करता हूं तो बचपन से लेकर आज तक रेडियो के कई दौर याद आते हैं । गांव की चौपाल में रखा एक बड़ा सा रेडियो, हाथ हाथ में घूमता ट्रांजिस्टर, विविध भारती और बिनाका गीतमाला, अमीन सयानी,…

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भाजपा को अब संजीवनी की जरूरत !

भाजपा ने जहां – जहां रिक्त स्थान छोड़ा वहा – वहा उसे मुंह की खानी पड़ी । एक – एक करके सात राज्य हाथ से निकल गए , कारण सिर्फ एक था कि इनके पास उन जगहों पर कोई योग्य  कद्दावर नेता नहीं मिला जिसे विधानसभा दल का नेता घोषित करके चुनाव  लड़ा जाय, जिसे…

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सुख

        घर के बाहर बारिश की झड़ी लगी हुई थी और अन्दर सीमा और रमेश चाय के साथ पकौड़े खाने का आनंद ले रहे थे । बारिश में ज्यादातर लोग चाय पकौड़े का आनंद लेते हैं। बातें करते करते सीमा को अपना बचपन याद आने लगा । कैसे वह बारिश में बाहर भाग जाती थी…

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आलोकित रहे हिंदुस्तान

सलामत   रहे  सारा जहान। दिलों   में  बचा  रहे  ईमान। आसमां के सितारों की तरह, आलोकित रहे  हिंदुस्तान।। छल बल से नहीं चलता देश, कुटिल रावण-सा धरो न वेष। कुछ  गुंडों के कोलाहल से, कभी बदलता नहीं परिवेश। नभ  में कितने मेघ  घने हों, परंतु  सूर्य  निकलता ही है। सत्य  पर कई  परदे  डालो, लेकिन सत्य…

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‘ना होते गर ये’

ना होते ग़र ये बहादुर सैनिक सीमा पर तैनात आराम से बैठकर घर में ना ले पाते हम चैन की साँस ना खाते ग़र ये वीर भारत माँ के अपने सीने पर गोली ना मना पाते हम निज घरों में अपनेपन की रंगोली ना होते ग़र ये भारत माँ के वीर जवान निज परिवार संग…

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पुलिस जाति -धर्म देखकर कार्य नहीं करती: शाह

दिल्ली पुलिस के 73 वें स्थापना दिवस समारोह पर रविवार 16 फरवरी को आयोजित समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस किसी की दुश्मन नहीं है और वह जरुरत पड़ने पर सभी की मदद करती है । इसलिए पुलिस का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे यह भी कहा कि पुलिस का…

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मेरी नहीं यह दिल्ली वालों की जीत है

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अन्य मंत्रियों संग शपथ ली आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली में स्थित रामलीला मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में केजरीवाल और अन्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ…

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