लव आजकल
कविता मल्होत्रा (स्तंभकार उत्कर्ष मेल) यदि किसी बच्चे को जन्म के तुरँत बाद केवल ऊपरी ख़ुराक पर किसी हिंसक व्यक्ति के सान्निध्य में पाला जाए तो उसका व्यक्तित्व कैसा होगा? बिन माँ के बच्चे जैसा ही होगा ना? लेकिन हम सब तो भारत माता के बच्चे हैं फिर हमारे वजूदों में इतनी व्याधियाँ कहाँ से…