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दीवाने हो दीवाने सा व्यवहार करते हो

सताते हो कभी मृदुल-मनुहार करते हो- दीवाने हो दीवाने सा व्यवहार करते हो.. नज़रिया कातिलाना अदाएं हैं निराली- अपनी बातों से दिल पर प्रहार करते हो.. लड़ते-झगड़ते हो पर साथ मेरा देते हो- लगे हरकतों से जैसे मुझे प्यार करते हो.. तेरी शरारत और चाहत मुझको भाती- मन पर जवां इश्क के आसार करते हो…..

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खिसक रही है ज़मीं पाँव तले से

खिसक रही है ज़मीं पाँव तले से और खौफ ज़रा नहीं जलजले से । अजीब दौर है आ गया अब यारों खुदगर्जी फैल रही अच्छे भले से । न किसी को मतलब है किसी से न कोई लगाता किसी को गले से । वो तो नफरत से देगा हर जवाब पूछ रहे हो हाल गर…

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ग्यारह को किसकी होगी पौह–बारह

मनमोहन शर्मा ‘शरण’ (संपादक) सभी देशवासियों को बसंत पंचमी की बधाई एवं इस अवसर पर माँ सरस्वती से विशेष विनती है कि अज्ञानता को दूर कर ज्ञान का प्रकाश चहुँ ओर कर दें जिससे सबको सच्ची बात भली प्रकार समझ में आ जाए । यहाँ थोड़ा मैं भी नासमझ सा हो गया हूं कि यदि…

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