अखिल भारतवर्षीय श्रीचौरासिया ब्राह्मण महासभा ने श्री चौरासिया ब्राह्मण समाज की भागीदारी राष्ट्र हित समाज हित मे सुनिश्चित 504000/- पांच लाख चार हजार रूपये की राशी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष तथा पी एम केयर्स फण्ड मे जमा करा कर की | ………. महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री प्रदीप शर्मा अधिवक्ता ने […]
Month: April 2020
फ़क़ीर (कविता)
श्वेत वसन दाढ़ी सफ़ेद खाली दिखते हाथ चेहरे पर हैं झुर्रियां दीखे मलिन सी गात काम क्रोध मोह लोभ से इसका क्या सरोकार ये तो एक फ़क़ीर है जग इसका परिवार पाकर चंद सिक्के ही दे झोली भर आशीष ये दुनिया तो फ़ानी है देता सबको ये सीख सब धरा […]
कविता– “कोरोना”
हिन्दू है न ये मुसलमान कोरोना, रक्तबीज राक्षस विषाणु कोरोना। जो ग्रास बने हैं उन्हें उपचार चाहिए, सबका इस व्याधि से बचाव चाहिये। साबुन से हाथ धुलें मास्क लगाएं, छींकें मुह ढ़क सामाजिक दूरी बनाये। संक्रमण बचाना ही अचूक है इलाज, जन जागरण से ही बचेगा ये समाज। न हो […]
प्रधान मंत्री जी की ललाट पर चिंता की रेखाएं
Doctor Sudhir Singh प्रधानमंत्री जी की ललाट पर चिंता की रेखाएं,130करोड़ जनता की परेशानी बयां करती हैं,दूरदर्शी राष्ट्रनायक चुनौतियों से घबराता नहीं,खतरों से खेल लेने की उनकीआदत हो गई है. दुनिया के लिए ‘कोरोना’आज गंभीर खतरा है,धर्म-जातिऔर सरहद से उसका नहीं वास्ता है.जाल में वह फंसाता हैअमीर-गरीब सबको ही,असावधान इंसान […]
नियति ने सर्वोत्तम कृति से कैसा अजब खेल खेला है समूची प्रकृति उठान पर और मानव भयातुर अकेला है
(Smt Kavita Malhotra)विकास के नाम पर समूचा विश्व जिस गति से आगे बढ़ रहा था, आज उसकी रफ़्तार थम सी गई है। न तो कोई कारण ही किसी की पकड़ में आ रहा है न ही अब तक कोई निवारण हाथ आया है।कारण जो भी हो एक बात तो तय […]
गीत – मुझे न भुलाना
अगर छोड़कर चल दिए हम जमाना। मेरे दोस्तो तुम मुझे न भुलाना। अगर छोड़ दें साथ साँसे भी मेरा। कहाँ फिर रहे साथ मेरा और तेरा।। मेरे जीते जी साथ कुछ पल बिताना। मेरे दोस्तो तुम मुझे न भुलाना। हम रहे न रहे जिंदा बातें रहेंगी। हम बसते थे दिल […]
हे प्रभु बैठी हूं फिर से लिखने
हे प्रभु बैठी हूं फिर से लिखने और पूछती हूं आपसे एक सवाल क्या यह अंत है या मचा हुआ है कोई और बवाल क्या इंसान अपनी करनी पर पछताएगा या बिना पश्चाताप किए ही मर जाएगा क्या कुछ ऐसा है जिसे आप बता रहे हो या फिर बिना कुछ […]
स्वयं को पहचान लो
कुछ ठान लो अपने मन में, आ स्वयं को पहचान लो। भीड़ भरी इस दुनिया में, तुम भीड़ नहीं हो जान लो। चलो प्रकृति की गोद में, फिर खुशियों की कुटी छवायें। वादियों […]