प्रेमगीत: कोरोना
संकटकाल निकल जाए तो। तुमको जीभर प्यार करूँगा।। अभी तो छूने में भी डर है, मन में कोरोना का घर है। बीतेगा तो पुनः मिलेंगे, बुरा समय तो ये पलभर है।। बाहों का आलिंगन होगा। तुमसे आँखे चार करूँगा।। संकटकाल निकल जाए तो। तुमको जीभर प्यार करूँगा।। कितने ख़्वाब अधूरे-पूरे, जिनको तुमने रोज़ सजाया। एक-एक…