मन की बात: देश में जानलेवा कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ की. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के मुकाबले भारत में कोरोना वायरस कम फैला है. हमें अभी और सावधानी बरतनी होगी. उन्होंने कहा कि दो गज की दूरी का […]
Month: May 2020
जीत उसकी …हार किसकी…. ?
मनमोहन शर्मा ‘शरण’ जब भारत में कोरोना महामारी का पहला मरीज संक्रमित पाया गया तब हमने चैकसी बरतनी शुरू कर दी थी, ऐसा हमें बताया गया । धीरे धीरे संख्या 50 / 100 तक पहुँची तब तक हम ‘जनता कर्फ्यू’ तथा लॉकडाउन की प्रक्रिया प्रारंभ कर चुके थे । जब […]
पुस्तक समीक्षा मंज़र गवाह हैं
समीक्षक : मुकेश पोपली दुनिया में अनेक तरह के मंज़र हम देखा करते हैं। कुछ मंज़र ऐसे होते हैं जो हम कभी भी दुबारा नहीं देखना चाहते। कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें हम बार-बार देखना चाहते हैं। हमारे जीवन में बहुत बार ऐसा भी होता है कि हम विभिन्न […]
समस्याएँ –लाँकडाउन में मजदूरों की।
अभी कुछदिनों पूर्व तक प्रथम लॉकडाउन के दौरान देश में अचानक बढ़ती कोरोना संक्रमण की संख्या के लिए देशवासियों , नेताओं ,पत्रकारों मीडिया और अन्य उन सभीसामान्य लोगों के द्वारा जो लॉक डाउन के पश्चात देश को कोरोना मुक्त होजाने का स्वप्न देख रहेथे,उन तबलीगी जमातियों को अत्यधिक कड़वाहट से […]
कोरोना भगवान की जय ?
यशपाल सिंह प्राचीन कथा है कि एक था हिरणाकश्यप। शक्तिशाली था । राजा था। अमर होना चाहता था, जैसे कोई भी राजा होना चाहेगा । ईश्वर की स्तुति की। ईश्वर प्रकट हुए मगर उन्होंने कहा कि अमरता को छोड़कर कुछ भी मांग लो। लेकिन वह तो अमर होना चाहता था। […]
वो , कोरोना और मैं
मेरी ड्यूटी राजकीय अस्पताल में थी | यहां दिनोदिन कोरोना के नये मरीज आ रहे थे |बहुत सारे यहाँ से ठीक होकर भी चले गये | एक शाम को ड्यूटी समाप्त करके घर जाने ही वाला था कि एक अर्जेंट केस के लिए मुझे बुलाया गया | उसकी सांसे फूल […]
आँसू जो तेज़ाब बन गये
प्रवासी नहीं,ये भारतवासी हैं,सैंकड़ों हजारों किलोमीटर दूर पैदल चलने को मजबूर हैं,इन्हीं को आप राष्ट्र निर्माता कहते हैं,भाग्य विधाता कहते हैं,यही तो आपके मतदाता हैं, जिन्होंने आप को सत्ता तक पहुंचाया है, यही हैं वो,जिनके बारे में संविधान की प्रस्तावना में लिखा है-“हम भारत के लोग”जिन गाँवो को ये लोग […]
मुसाफिर हूँ यारों
लगातार मजदूरों के पलायन की बातें सुन सुनकर और टीवी, व्हाट्सएप जैसे बहुत से माध्यमों के द्वारा बड़ी ही दुखदाई फोटो देख-देख कर मन बहुत ज्यादा व्यथित हो रहा था।सोच रहा था क्यों ना कुछ मजदूरों के पास जाकर उनकी स्थिति को जाना जाए। मन के कोतुहल को मिटाने […]