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वरदान जो मिलते मिलते रह गया

मैं शायद आप से ज्यादा बहादुर हूं, जो अपनी व्यथा कहने की हिम्मत जुटा रहा हूं, व्यथा तो आप की भी यही है, पर आप में, मेरी तरह हिम्मत कहाँ। कुछ हिम्मत जुटाओ तो आओ मेरे साथ,आप भी बता ही दो अपनी व्यथा।पहले तो किसी कारण से डांट पड़ती थी अब लॉक डाउन में तो…

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‘मजदूर-दिवस’ यही सबको सिखाता है

Doctor Sudhir Singh कर्म ही पूजा है और श्रम ही साधना है; ‘मजदूर-दिवस’ यही सबको सिखाता है. जो भी जीवन जीता हैअकर्मण्य रहकर, संपूर्ण देश के साथ वहअन्याय करता है. 1मई सबों को यह याद दिलाने आता है, सभी लोग क्ष्रमिक हैं;सब क्ष्रम-साधक हैं, संसार में जितने भी विकास कार्य हुए हैं, सबके लिए मजदूर…

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