पुस्तक समीक्षा मंज़र गवाह हैं
समीक्षक : मुकेश पोपली दुनिया में अनेक तरह के मंज़र हम देखा करते हैं। कुछ मंज़र ऐसे होते हैं जो हम कभी भी दुबारा नहीं देखना चाहते। कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें हम बार-बार देखना चाहते हैं। हमारे जीवन में बहुत बार ऐसा भी होता है कि हम विभिन्न परिस्थितियों से गुजरते हुए कुछ…