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कहानी ; तीसरा बेटा

प्रभुदयाल खट्टर जिस मकान में दीनानाथ जी रहते थे वह मकान उनके अपने नाम था। जिसमें दीनानाथ जी अपनी पत्नी के साथ अकेले रहते थे। हालांकि उनके दो बेटे भी थे मगर दोनों मकान अपना नाम कराने के झगड़े के चलते अपनी अपनी पत्नी को लेकर अलग रहने चले गए थे। यह बात जब दीनानाथ…

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20 जून से दिल्ली में होंगे 18,000 टेस्ट प्रति दिन : संजय सिंह

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने सोमवार 15 जून 2020 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के उपरांत कहा दिल्ली में कोरोनोवायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार 20 जून से प्रति दिन लगभग 18,000 परीक्षण करेगी। सिंह ने यहां पत्रकारों को…

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सुशांत ने अनेक यादगार किरदारों को जीवंत किया : उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन पर शोक व्यक्त किया और  अपने एक ट्वीट में कहा, “युवा और प्रतिभाशाली अभिनेता, सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। उन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर कई यादगार किरदारों को जीवंत किया।” उन्होंने कहा, “सुशांत…

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कमजोर नहीं रहा भारत : राजनाथ

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को दो टूक शब्दों में संदेश दिया कि भारत को कमजोर समझने की गलती ना करें. उन्होंने पूर्वी लद्दाख को लेकर बने गतिरोध को दूर करने के विषय में कहा कि  चीन से सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत चल रही है। भाजपा की ओर से मोदी सरकार के दूसरे…

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“हम क्या करें”

चुग रहे थे हम गुल हाथ में चुभा कांटा गिरा साजी से फूल    थी  मेरी  ही भूल      हम क्या करें थे खयालों में मशगूल। उठा ज़मीं से धूल चेहरा हो गया धुले-धूल      हम क्या करें। बच कर थे हम चल रहे हौसला से थे हम बढ़ रहे बिछा था पग-पग पर शूल…

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आठवाँ सुख

आज अमृता की शादी है। पापा को अपनी लाडली की विदाई का सोचते ही उदासी हो आई।चौबीस वर्ष उसके आँगन में रही बुलबुल फुर्र हो जाएगी। पत्नी सुशीला डायबिटीज से इतनी परेशान रहती थी थकावट व घबराहट से तरबतर उसका ज्यादा समय बिस्तर पर ही गुजरता था,ऐसे में पहले पढ़ाई व बाद में नौकरी में…

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मध्यमवर्गीय

जब जब भी तुम्हें ये लगने लगे मैं तुम्हारे करीब हूँ बात बतला दूँ, इश़्क तो धनवान है मैं बहुत गरीब हूँ । दुनिया घुमाने की ख़्वाहिश पूरी नहीं कर सकता हूँ अटूट वादा कर पूरी ज़िन्दगी बाहों में भर सकता हूँ । तुम्हारे हर छोटे बड़े फैसले में जरूर अपनी राय दूँगा सुबह अलसा…

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करोना को सोच के खुद को ना भूले !

अति बौद्धिकवाद एजेंडा धारी दर्शन भी आतंक का ही रूप स्वरूप है। मात्र आलोचना या वादी प्रतिवादी को ही विद्वता नहीं कहते । इसके लिए आदमी के पास व्यवहारिक ज्ञान के साथ सम्यक व्यवहार होना नितांत अनिवार्य है। अब समय आ गया है ,  मजदूरों का रोना रोना बंद कर दीजिये  , मजदूर घर पहुंच…

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साँस हर दिल की थमी-थमी है सहमा-सहमा सा हर आदमी है

कविता मल्होत्रा (स्थायी स्तंभकार-उत्कर्ष मेल, कवियित्री एवं समाजसेवी) आज से तीन महीने पहले कब किसी ने सोचा था कि सरपट भागती जीवन की रफ़्तार अचानक यूँ थम जाएगी कि अगले पल साँस लेने से पहले भी सोचना पड़ेगा और साँस छोड़ने की दशा भी अकल्पनीय हो जाएगी। सच है! परिवर्तन ही संसार का शाश्वत नियम…

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चलो आज कुछ कह लेती हूं

मैं भी अपने अंतर्मन से कुछ बातें चुन लेती हूँ चलो आज कुछ कह लेती हूं। मैं वही हूं जिस मिट्टी ने नूतन आकार लिया है मैं वही हूं जिसके अपनों ने सहर्ष स्वीकार किया है मैं अपने अंतस की गर्मी को आज हवा देती हूं चलो आज कुछ कह लेती हूं। तोड़ने आए थे…

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