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कमाई धंधा

करीब सन् उन्नीस सौ चौहत्तर पिचहत्तर का समय था ,तब तक बहुत ज्यादा शिक्षा का विकास नहीं हुआ था। समाज का एक ‌बड़ा तबका बहुत ही गरीब लाचार और बदहाल था। नीरजा का परिवार रेलवे की फोर्थ क्लास की कालोनी में रहा करते थे। वहां आसपास रेलवे के ही सफाई कर्मचारी भी रहा करते थे।…

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प्रेम का पनपना

अगर तुम महसूस कर सकते हो बारिस की बूंदों को अपने तन पर तो तुम महसूस कर सकते हो प्रेम को भी उन्हीं बूंदों की तरह प्रेम कोई बाहर की वस्तु नहीं है यह तुम्हारे भीतर ही पनपता है बशर्ते तुमने इसे पनपने दिया हो प्रेम के पनपने के लिए जरूरी है अनुकूल वातावरण का…

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