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स्वछंद लेखन

हम तो ऐसा ही लिखते हैं दलील ये अच्छे दिखते हैं मौलिकता का हो विश्वास नयी शैली का शिलान्यास खींच कर एक नई लकीर लिख डाले वो नई तहरीर तय नियम में ला  बदलाव दूर ही हो बोझिल ठहराव हो सहज ग्राह्य तथा सरल मधु सा मीठा, ना हो गरल नव विधा ही हो अतिप्रिय…

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शिक्षा वही जो राष्ट्र का गौरव बढ़ाए

शिक्षा ही तो इंसान को संस्कार दे चरित्रवान बना जीवन के पथ पर आगे बढ़ने को प्रेरित करती है। शिक्षा राष्ट्र निर्माण का आधार है,तो शिक्षक ही कर्णधार।शिक्षक ऐसा चाहिये,जैसे हो माटी कुम्हार,ठोक ठोक कर घट गढ़े, करा दे बेड़ा पार। बच्चे की पहली गुरु माँ पिता दिखाये स्कूल की  राह!शिक्षक उसे इन्सान बनाये,कमियों को…

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मातृभाषा सीखने से भविष्य की पीढ़ियों को अपने सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने के साथ संबंध बनाने में मदद मिलेगी : सत्यवान सौरभ

(मातृभाषा में पढाई  वैचारिक समझ के आधार पर एक घरेलू  प्रणाली के साथ सीखने और परीक्षा-आधारित शिक्षा की रट विधि को बदलने में मदद करेगा।  जिसका उद्देश्य छात्र के अपनी भाषा में ज्ञानात्मक कौशल को सुधारना है, ताकि वह अन्य भाषाओँ के बोझ तले न दब सके और चाव से अपनी प्राथमिक शिक्षा को पूर्ण…

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