भारत एक शानदार देश रहा है जिस पर हमे सदा गर्व रहेगा दुनिया ने इस बहुमूल्य हीरे को कई बार परखा भी और हर बार जी भर कर इसके खजाने से अपनी झोली भर ली . बड़े ही दुःख की बात है की एक आम भारतीय ही कुछ ज़हरीले लोगो […]
Month: April 2021
कोरोना अवसाद में “संगीत” संजीवनी*
दुनिया के बड़े से बड़े शहर आज सुनसान हैं। लोग घरों में कैद हैं, तनाव में हैं और परेशान हैं। सोशल मीडिया से लेकर टेलीविजन, न्यूज चैनलों पर चल रहे नकारात्मक दृश्य व घटनाएं लोगों को विचलित और उदास महसूस करा रहे हैं। इस स्थिति में गायन एवं कला से […]
जनसरोकार के लिए आगे आया विद्यार्थी परिषद
जनसरोकार के लिए आगे आया विद्यार्थी परिषद प्रदेश कार्यालय को बनाया वैक्सीनेशन सेंटर। रोजाना सैकड़ों लोगों को लगेगी वैक्सीन, वॉलंटियर बन सहयोग करेंगे कार्यकर्ता। हेल्पलाइन नंबर जारी किए। एक और जहां दूसरे चरण में कोरोना महामारी देश में विकराल रूप ले रही है, वहीं दूसरी ओर हर तरफ से मदद […]
मेरे आदर्श
“सर आप जो पढ़ाते हो वो समझ तो आता है पर घर जाकर भूल जाता हूं।” इस वाक्य को सुनते ही मुझे रोष उत्पन्न हो जाता है। स्वभाव के मामले में सबसे संतुलित शिक्षक माना जाता हूं, विद्यालय में। लेकिन इस वर्ष आए एक नए विद्यार्थी के कारण मेरी प्रतिष्ठा […]
महारोग कोरोना नियन्त्रण के कतिपय उपाय
हम सभी व्यक्तिगत अनुभव तथा समाचार संचार माध्यमों के द्वारा नित्यप्रति कोरोना महारोग के बढ़ते प्रकोप , भयावहता तथा घातकता से परिचित है. इसकी विस्तृत विवेचना की आवश्यकता नहीं है. देश का विशाल भूखण्ड इस महदापदा से ग्रस्त है. जीवन का प्रत्येक क्षेत्र तथा क्रिया कलाप अस्त व्यस्त तथा बाधित […]
नारी आन्दोलन की पथ प्रदर्शक कमलादेवी चट्टोपाध्याय
(03 अप्रैल, 1903 से 29 अक्टूबर, 1988) प्रारम्भिक जीवन :- कमलादेवी चट्टोपाध्याय का जन्म 03 अप्रैल, 1903 को मैंगलोर (कर्नाटक) के एक सम्पन्न ब्राह्मण परिवार में हुआ था। ये अपने माता-पिता की चौथी और सबसे छोटी पुत्री थीं। इनके पिता श्री अनंथाया धारेश्वर मंगलोर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर थे। इनकी माँ […]
“मन के हारे हार है”
मन को कर तू शक्तिमय,ले हर मुश्किल जीत। काँटों पर गाना सदा,तू फूलों के गीत।” मनुष्य का जीवन चक्र अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा होता है जिसमें सुख- दु:ख,आशा-निराशा तथा जय-पराजय के अनेक रंग समाहित होते हैं । वास्तविक रूप में मनुष्य की हार और जीत उसके मन […]
खिल उठे मानवता
श्रीमती कविता मल्होत्रा वसुदेव कुटुंब आज अपनी ही नाफ़रमानियों के कारण ख़तरे में है।कितनी अज़ीज़ रही होगी परम पिता को उसके अँश की हर एक प्रजाति जिसे उन्होंने एक उद्देश्य पूर्ण यात्रा के लिए धरती पर भेजा। प्रकृति समूची मानव जाति को निस्वार्थ सेवा का संदेश देती है लेकिन मानव […]
कोरोना को हल्के में लेना, कितना भारी पड़ रहा है
मनमोहन शर्मा ‘शरण’ (प्रधान संपादक) कोरोना को हल्के में लेना हम सबको कितना भारी पड़ रहा है । हमने भी, सरकारी तंत्र् ने भी, स्वयंसेवी संस्थाएं भी बार–बार निवेदन करती रहीं कि 2 गज की दूरी मास्क है जरूरी, कम से कम तब तक तो अवश्य ही जब तक कोरोना […]
भारत को कोरोना से मुक्त रखना है
संकट से पुरुषार्थी घबड़ाता नहीं है, उससे ही संकट डरने लग जाता है। विपत्ति को सामने देखकर धैर्यवान, उससे निपटने की तैयारी करता है। आजकल ‘कोरोना’ कड़ी चुनौती है, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सबको डरा रहा है। घर में बंद पर अलग-अलग रह कर, कैदी साआदमी जीवन बिता रहा है। हरेक इंसान सिर्फ […]