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सावन कजरी और झूला

वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही,पूर्वांचल के बाग झूला गीतों से चहक उठते हैं और कजरी गायन की प्रथा का पालन शुरू हो जाता है, भाद्रपद कृष्णपक्ष की तृतिया को कजरी तीज मनाई जाती है,इस दिन महिलाएं व्रत करती हैं और रतजगा करते हुए कजरी गायन करती हैं।कजरी मे मुख्यतः संयोग वियोग और वर्षा…

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पितृदिवस पर कनाडा से “मनस्विनी” समूह के सभी सदस्यों के सहयोग से स्वरचित पंक्तियां

न मेरी आंख ही फड़कीन ही हिचकियाँ आईंमगर फिर भी यें लगता हैंकि कोई याद करता हैं….वो ओर कोई नहीं मेरे पापा…पापा की दुलारी,थोड़ी बिगड़ी, थोड़ी प्यारीसुबह जल्दी जगाते हैं पापा,नौ बजे रात मैं बत्ती बुझाते हैसदैव याद में आतेमेरे प्यारे पापाउनकी दिलचस्प बातेंज्ञान से भरी नसीहतेंउनकी किताबों का भंडारअनुशासन में छिपा प्यारमेरे प्यारे पापापापा…

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मानसिक स्वास्थ्य के प्रति रहें सचेत

तनाव, चिंता और दुःख जैसी अनेक भावनाओं का हम सभी अनुभव करते हैं, और अधिकांश समय ये भावनाएं जल्दी से समाप्त भी हो जाती हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए यह भावनाएँ अधिक जटिल बनी रहती हैं और जीवन की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। तब इसका निदान करना जरूरी हो जाता…

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गुरु महिमा

हे गुरुदेव! प्रथम वंदन आपको साक्षात दण्डवत प्रणाम , बिना गुरु के ज्ञान अधूरा , फिर -फिर  गोता खाय, गुरु मंत्र को आत्मसात कर , भव सागर पार कर जाय। गुरुदेव मानव को नवजीवन देते , गुरुदेव मानव का तिमिर मिटाते, गुरुदेव मानव को प्रकाशवान बनाते , गुरुदेव हृदय में ज्ञान दीप जलाते, गुरुदेव ही…

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हर धड़कन हो आरती वँदन

कविता मल्होत्रा (संरक्षक – स्तंभकार, उत्कर्ष मेल) मीरा सा अरमान बनें, सब नई उम्मीदों का आसमान बनें विषपन करके भी सोचें यही, हर साँस का इस्तेमाल कैसे हो ✍️ लगभग दो वर्ष पूरे होने को आए, लॉकडाऊन का शाब्दिक अनुवाद नई सदी को परिभाषित करने लगा है।लेकिन तमाम महकमों की तालाबंदी के बावजूद भी अँतर…

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बिधान चंद्र रॉय

(डॉक्टर मनोज कुमार) (01 जुलाई,1882 से  01 जुलाई, 1962) प्रारंभिक जीवन :- बिधान चंद्र रॉय का जन्म 1 जुलाई, 1882 को बिहार के पटना जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रकाश चन्द्र रॉय और माता का नाम अघोरकामिनी देवी था। बिधान ने मैट्रिकुलेशन की परीक्षा पटना के कोलीजिएट स्कूल से सन् 1897 में…

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“समर्पण से मिलती है राह।”

समर्पण का अर्थ है “समस्त अर्पण” उस सर्वशक्तिमान के समक्ष जिसने हमें बनाया है। किसी निर्धारित उद्देश्य से हर प्राणी को पृथ्वी पर भेजा है। जब आप समर्पण भाव से जीवन को बिताते हैं तो सभी मुसीबतों से अपना नाता तोड लेते हैं। जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार कर लेते हैं। ईश्वर के…

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सच्ची आजादी, अमृतोत्सव भी सच्चा!

सम्पादकीय (मनमोहन शर्मा ‘शरण’) यह सच है कि अभी भारत में कोरोना के मामलों में काफी कमी देखी जा रही है किन्तु ध्यान रहे आगे बरसात का मौसम आने को है तब हमें विशेष सावधानी बरतनी है और कोरोना गाईडलाइन्स का कड़ाई से पालन करते हुए इसको पैर पसारने नहीं देना है । कोरोना वैक्सीन…

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विकास के लिए जनसंख्या दर को कम करना जरुरी

विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष(11 जुलाई) — लाल बिहारी लाल ============================================== आज जनसंख्या रोकने के लिए सबको शिक्षा होनी चाहिये जिससे इसे कम करने में मदद मिलेगी शिक्षा के साथ-साथ जागरुकता की सख्त जरुरत है ताकि देश उनन्ति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ सके । वर्ष 2021 में असम सरकार इस ओर सख्त…

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 कनाडा दिवस पर  संस्मरण – ए – संवाद का सफल आयोजन

वैकुंवर कनाडा से “मनस्विनी” किचन से कलम तक ग्रुप का एक और सफल आयोजन सम्पन्न हुआ।वैकुंवर कनाडा में शिखा पोरवाल व अस्मिता लॉरेंस ने    एक अनूठी शाम   ‘संस्मरण – ए – संवाद’ (आपकी मेरी कहानी]   अप्रवासी भारतीयों की   आपबीती अपनी जुबानीकार्यक्रम का मनस्विनी तथा अनुराधा प्रकाशन के पटल पर लाइव दिखाया गयाकार्यक्रम शनिवार 3 जुलाई  की शाम (कनाडा में) , (भारत में 4 जुलाई प्रातः) को खुशनुमा व यादगार माहौल में सम्पन्न किया गया .कार्यक्रम के तीन विशिष्ठ अतिथि थें। 1 नूतन ठाकुर जी –  स्पाइस रेडियो 1200 AM ,2 मनमोहन  शरण शर्मा जी – लेखक, प्रकाशक, पत्रकार व संपादक , अनुराधा प्रकाशन3 राकेश तिवारी जी –  टोरेंटो कनाडा में कवि, पत्रकार, संपादक और प्रकाशक।वैंकूवर में  अन्य सामुदायिक भागीदारों के साथ मिलकर किया। मनस्विनी की महिला सदस्यों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया जैसे नरिंदरजी, मधुजी, दीपाजी , विजया जी, सुचित्रा जी व रेशमा जी ।किसी ने  सुन्दर कविता सुनाकर तो किसी ने अपने संस्मरण सुनाकर संमा बांध दिया। कसा हुआ  मंच संचालन अस्मिता  व शिखा पोरवाल  ने किया। कुल मिलाकर एक बेहतरीन शाम बीती अपनों से दूर  पर  अपनों के बीच। “मनस्विनी” ग्रुप की कोशिश…

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