August 16, 2021
मानव उत्थान के संकल्प से बेहतर कोई विकल्प नहीं
कविता मल्होत्रा किसी भी देश की संस्कृति मन्नतों के धागों की आस्था पर नहीं बल्कि मानवीय उत्थान के संकल्पों पर चल कर ही दिव्यता की ओर अग्रसर होती है। बांधे इस बार आशीष का धागा रहे न कोई भी मानव मन अभागा
लगभग दो वर्ष से समूचा विश्व महामारी के विध्वंसक परिणामों की…
स्वतंत्रता दिवस धिक्कार कर कहता है
डॉक्टर सुधीर सिंह आजाद भारत में आर्थिक आजादी नहीं, किंतु आजादी का ढिंढोरा लोग पीटते हैं। स्वतंत्रता दिवस धिक्कार कर कहता है, भारत में गुलाम सा गरीब क्यों रहते हैं? भ्रष्टाचार ने छीना है वंचितों की आजादी, गरीब कोऔर ज्यादा गरीब बना दिया है। भ्रष्टाचारियों के रूतबा का कहना क्या? गोरखधंधेवाजों का सम्मान बढ़ गया…
राष्ट्र-गीत : पहरुये ! सावधान रहना…
घर में सेंध लगाने की वे फिर करते तैयारी, पहरुये ! सावधान रहना। पश्चिम सीमा पर खतरा है,पूरब में मत डोल, अभी रात बाकी है कितनी धीरे- धीरे बोल, कल जो हाल हुआ हम सबका,उसका दुख है भारी, पहरुये ! सावधान रहना। तुमने कितने धोखे खाए विश्वासों में पड़कर, ये व्यापारी नहीं, न…
आओ करे ये सतत प्रतिज्ञा
नारी को सम्मान नहीं तो बताओ क्या दोगे बेटी को घर में मान नहीं तो बतलाओ क्या दोगे एक घर सुधरने से बोलो क्या बदलेगा हर सोच बदलने का प्रण बोलो कब लोगे जब तक सारी कायनात ना बदले तो सब बेकार जब तक अर्न्तमन ना स्वीकारे हर तरफ है हार हर तरक्की हर…
मेरे गोपाल : अर्चना त्यागी
एक छोटे से गांव में मोहन अपनी मां के साथ रहता था। एक छोटा सा खेत था उनके पास। उसमें फसल उगाकर मां मोहन की परवरिश कर रही थी। मोहन एक होनहार छात्र था। कक्षा में हमेशा प्रथम आता।मेहनत से पढ़ाई करता। जो समय बचता उसमें मां की काम में सहायता कर देता। पिता का…
सम्पादकीय : मनमोहन शर्मा ‘शरण’
आप सभी को भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं । राष्ट्रीय स्तर पर लालकिले पर हर वर्ष की भांति बहुत भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ । प्रधानमंत्री जी ने बहुत बड़ा भाषण भी दिया । राज्य स्तर पर भी सभी सरकारें मनाती हैं तथा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं भी देशभक्ति से ओतप्रोत…