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राष्ट्रीयता के स्तम्भ है पण्डित दीनदयाल उपाध्याय !

जातिवाद से ऊपर उठकर पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी ने अंत्योदय उत्थान का जो प्रयास प्रारम्भ किया आज वो सबके लिए अनुकरणीय है । उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ जातिवाद चरम पर है वहीं दूसरी तरफ पढ़े लिखे वर्ग का प्रतिनिधित्व भी बढ़ा है किन्तु दुखद है कि आज भी कुछ लोग जातिवाद के नाम…

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अब के बरस मानव चेतना की जागृति के दीप जलाएँ

कविता मल्होत्रा (संरक्षक एवं स्थाईस्ताभ्कर) राम राज्य की आकांक्षा तो सभी किया करते हैं मगर खुद राम होने से डरते हैं।अग्नि परीक्षा महिलाओं की ज़िम्मेदारी है।आज तक द्रौपदी का चीरहरण जारी है। कितने युग बीत गए मगर उस युग की महक आज भी हर एक मन को सुवासित करती है।कौन है जो मीरा के भक्तिभाव…

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तोता मैना

कहता तोता सुन री मैना मान ले अब तो मेरा कहना मैं लाता हूं दाना पानी तुम घर पर ही रहना। नन्हे-मुन्ने लाल हमारे काला कौवा घात लगाए पंख फैलाकर उन्हें छुपाना चाहे भूख प्यास सब तजना। मानव अब हैवान बना है चारों और धुआं घना है बालक वृद्ध और नारी को पड़ता है सब…

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जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ

ऋतुएँ तो आती जाती रहेंगी नए-नए रंग दिखाती रहेंगी आ.डॉ सरोजिनी प्रीतम जी हंसिकाओं से हंसाती रहेंगीं एक ऐसी हास्य परी जो अपने सान्निध्य में आने वाले हर उम्र के व्यक्ति को मुस्कुराहटों का अनमोल तोहफ़ा निःशुल्क उपलब्ध करवातीं हैं।हर घटना पर अपने चुटीले अँदाज़ से व्यंग्यात्मक हंसिकाएं रचकर समूची मानव जाति की मानसिकता को…

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