वाराणसी को भाजपा का गण कहा जाता है क्योंकि काशी ने ही मुरली मनोहर जोशी जैसा मजबूत संघ विचारक , सांसद नेता और महेंद्र नाथ पांडेय जैसा जनप्रिय मंत्री दिया है । वर्तमान राजनीति में वाराणसी में विधानसभा चुनावों में एक जो सबसे चर्चित और लोकप्रिय चेहरा नजर आ रहा […]
Month: December 2021
चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत के लिए करोड़ों नतमस्तक !
सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने कई हवाई दुर्घटनाओं की याद दिला दी । ऐसी ही एक हवाई दुर्घटना में हमारे सबसे बड़े परमाणु वैज्ञानिक की मौत हुई थी और उस एक मौत से हमारा परमाणु कार्यक्रम कई वर्ष पीछे चला गया था । हम बात कर रहे […]
तुझे वो किरदार होना पड़ेगा.
बकाया बहुत हैं मेरे सपने तुमपे,तुम्हें बेहिसाब होना पड़ेगा , रहोगे कब तक यूं दायरों में, अब तुम्हें आसमां होना पड़ेगा !! हर्फ-हर्फ लिखते रहे “क़िस्से”, जिसके हम अपनी सांसों पर , सब समेट लो संग अपने कि, अब तुम्हें किताब होना पड़ेगा !! सुनो, सरेआम शर्मसार न कर दें […]
हर बाधा को स्वीकार करें
हर बाधा को स्वीकार करें। लड़ कर भी उसे पार करें।। हर बाधा को स्वीकार करें…। यूँ ज़िन्दगी कहाँ आसान निकलती हैं। कहीं शोर तो कहीं शांत ही चलती हैं।। हर बाधा को स्वीकार करें…। संघर्ष को पार करके जो चलते हैं। फ़िर वो ही नर फलते औऱ […]
ये लाल टोपी वाले तेरा नाम तो बता !
राजनीतिक सफरनामा कुशलेन्द्र श्रीवास्तव अब उत्तर प्रदेश की राजनीति ‘टोपियों’’ पर जाकर उलझ गई है । राजनीति को तो किसी न किसी बिन्दु पर जाकर उलझना ही था सो वह टोपी पर उलझ गई । वैसे तो राजनीति को उलझने के लिए विकास नाम की चादर मिली हुई है […]
शेष होते वर्ष के अवशेष
निर्जीव खिलौनों से बहलते थे अब तक बच्चे इस जहान के रोबोटिक शिक्षा ने योग की उम्र में भोग भरा मन में इंसान के ✍️ स्वामी विवेकानंद जी का एक कथन है कि अगर किसी देश को उन्नति की राह पर लाना है तो उस देश के बचपन को शिक्षित […]
भूलाभाई देसाई
(13 अक्टूबर, 1877 से 6 मई, 1946) प्रारंभिक जीवन :- भूलाभाई देसाई का जन्म 13 अक्टूबर, 1877 को गुजरात के वलसाड़ शहर में हुआ था। आरम्भ में उनके मामा ने ही उन्हें पढ़ाया। उसके बाद उन्होंने वलसाड़ के अवाबाई स्कूल और फिर बॉम्बे के भरदा हाई स्कूल से शिक्षा ग्रहण […]
नमन तुम्हें मेरा शत बार नमन
हे भारत के रत्न तुम्हे मेरा शत बार नमन मौन हो गयी चारो दिशाएँ, शान्त हो गयी सभी हवाये , उदय हुआ गहन उदासी ले सूर्य भी पर निस्तेज सा जैसे कही कुछ खो गया कोई बहुत अपना बस यही खो गया मौन हो चले सभी सुबह के कलरव […]
“दुकानदारी”
सज्जन सिंह शहर में कोई बड़ा नाम तो नहीं था लेकिन विश्वास का नाम था। उनकी एक छोटी सी दुकान हुआ करती थी। खूब चलती थी। कोई सामान शहर की बड़ी से बड़ी दुकान पर नहीं मिलता तो सज्जन सिंह की दुकान पर मिल जाता। यही वजह थी कि सारा […]