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कभी मौन भी : पूनम पाठक

कभी मौन भी हो सकता है बेअसरभले स्वर अनोखा भाषा अलगमौन रहकर भी देखा है कभीक्योंकि इसकी प्रज्ञा प्रखरआंखों की भी जुबां होती हैफिर भी मौनी पर होता प्रहारकब तक मौन रह सकता है कोईभला आधुनिक दुनिया मेंपल-पल सहता रहे कष्टमहसूस ना हो किसी को तनिकआखिर कब तक ऐसा करे कोईमौन रहने पर दिल टूटता…

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