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सम्पादकीय : मनमोहन शर्मा ‘शरण’

आप सभी को महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं । सभी मंदिरों में बड़ी–बड़ी कतारें हैं जो भगवान के प्रति उनकी श्रद्धा और विश्वास का संकेत देती हैं । आज भले ही ज्योतिष के दृष्टिकोण से कोई महासंयोग बन रहा हो, उस विषय में न जाकर, जो अच्छा संयोग मुझे प्रतीत हो रहा…

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आख़िरी हिचकिचाहट

आदित्य ने वर्जिनिया टेक से इंजीनियरिंग करी थी , बिज़नेस मैनेजमेंट इन सी एड  सिंगापुर से किया था , और अपने लिए लड़की ढूंढ रहा था।  शादी डाट कॉम पर उसने अपना बायो डाटा अपलोड किया , स्वयं के बारे में लिखते हुए उसने लिखा , ‘ मेरी माँ मेडिकल डॉक्टर हैं , मैं बहुत…

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डिस्को किंग ( बप्पी लहरी)

डिस्को को आपने ही ऊंची उड़ान दी सिनेमा जगत को आपने एक नई पहचान दी डिस्को के आप ही  किंग कहलाए  सभी सुपर स्टारों ने आपके गीतों पर अपने पैर थिरकाए मिथुन दा ने तो आपके गीतों पर कमाल ही कर दिया ऐसा नाचे डिस्को गीतों पर, धमाल ही कर दिया अपने गीतों से सभी…

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“साइंस फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग” पुस्तक का लोकार्पण

विज्ञानं भवन नई दिल्ली में इंडियन ब्रेव हार्ट्स संस्था द्वारा आयोजित सम्मान लोकार्पण समारोह में टेक्निकल प्रोफेशनल एजुकेशन इन इंडिया के डायरेक्टर डॉ प्रभाकर राव गोविन्द राव चावरे द्वारा लिखित एवं श्री रामानुज सिंह ‘सुन्दरम’ द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘साइंस फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग’ का लोकार्पण धर्माचार्य श्री सुधांशु महाराज जी, एम पी श्री मति सुनीता दुग्गल,…

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अवस्था कोई भी हो व्यवस्था प्राकृतिक ही होनी चाहिए

कविता मल्होत्रा करोना काल ने ये तो साबित कर ही दिया कि शिक्षा सिर्फ़ पुस्तकों से सीखना और तथ्यों को कंठस्थ करना मात्र नहीं है।बल्कि प्रकृति के हर क़दम का अवलोकन करने की सतत प्रकिया है, जिसमें जीवन का सार छिपा है।हर मौसम,पत्तों के झड़ने,उगने बहार और इंतज़ार के सहज स्वीकार करने की क्रियाएँ सिखाता…

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राजनीतिक सफरनामा : चुनावी समीकरणों में उलझा मतदाता

                                                                                          कुशलेन्द्र श्रीवास्तव सारे विष्व में उथल-पुथल मची हुई है । ‘‘जिसकी लाठी, उसकी भैंस’’ के सिद्धांत पर अब दुनिया चल रही है । इसमंे जिसके हाथ मं छड़ी तक नहीं है वह पिस रहा है । कोरोना की मार भूल कर अपनी लाठी को कच्चे तेल से चमका का कर वे उठ खड़े हुए…

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हे शिव

हे शिव शम्भू नमः शिवाय् ,   जगपालक जगत विधाता ।    दुर्गापति जय जनक गणेश के,     स्कन्द पिता जय नमः शिवाय् ।        वैद्यनाथ, संहारक दुर्जन के तुम,          हे केदारनाथ जय नमः शिवाय् ।            त्रिपुरारी शंकर गंगाधर प्रभु जी ,             जय त्रिनेत्र ओउम् नमःशिवाय् ।    हे भोले भंडारी जगपति…

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मोरारजी देसाई

(29 फरवरी 1896 से 10 अप्रैल 1995) प्रारंभिक जीवन :- मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी, 1896 को गुजरात के बुलसर जिले के भदेली नामक गाँव में हुआ था। उनके पिता श्री रणछोड़ जी देसाई भावनगर में एक स्कूल अध्यापक थे और बाद में मानसिक अवसाद से ग्रस्त रहने के कारण उन्होंने आत्म-हत्या कर ली…

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