कातिल जहाँ बेखौफ है कौन सा ये देश हैकानून का है राज नहीं पर कहलाता प्रदेश हैजहाँ कत्ल को लानत नहीं इज्जत वो समझने लगेभारत माता के आंगन में भी क्या विषधर साँप पलने लगे? कितने दिन कितनी रातें कितने घण्टों में सजा मिलेगीफाँसी से ज्यादा कुछ और क्या कानून […]
Month: June 2022
बंकिमचंद्र के जन्मदिन पर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन
भारतीय स्वतंत्रता काल में क्रांतिकारियों का प्रेरणास्रोत -‘वंदे मातरम्’- जो 1937 में भारत का राष्ट्रगीत बन गया, जिसके रचयिता बंग्ला भाषा के प्रख्यात उपन्यासकार एवं कवि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के जन्मदिन पर “अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” (साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था) के तत्वावधान में संस्था के अध्यक्ष श्री देवेंद्र नाथ शुक्ल एवं महासचिव डॉ. […]
काव्य हिन्दुस्तान अंतरराष्ट्रीय साहित्य समूह का 150 घंटे का ऑनलाइन कार्यक्रम संपन्न
रेखा शर्मा स्नेहा के संयोजन में कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के गीतकार डॉ देवेंद्र तोमर ने की। काव्य हिंदुस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर फेसबुक समूह द्वारा आयोजित प्रथम वार्षिक उत्सव हेतु भव्य काव्य सम्मेलन आयोजित किया गया जो दिनाँक-12_62022 जून से दिनाँक-17_6’2022 तक लगातार 24 घंटा रात दिन कार्यक्रम जिसमे 300 कवियों […]
योग की महत्वता— योग दिवस—– प्रवीण बहल
सारे विश्व में हर व्यक्ति के जीवन में– योग का महत्व बढ़ गया है– अगर हम 50 वर्ष पीछे चले जाएं तो हमें याद होगा कि हर स्कूल में पढ़ाई शुरू होने से पहले पी टी हुआ करती थी– महत्व था शरीर को चुस्त बनाना– आज यह— अध्ययन के विषय […]
8th INTERNATIONAL DAY OF YOGA-2022
CONSULATE GENERAL OF INDIAVANCOUVERCELEBRATES8th INTERNATIONAL DAY OF YOGA-2022In Collaboration withAarogya Canada Curtain Raiser Program Nutan Thakurpresent“Healthy Life Style through Yog”program was held on 13th June 2022 at 11a.m.which was live also on facebook @cgivancouver
( पितृ दिवस पर )
दर्द का मंज़र है तुम कहां हो पापा,ज़ख्मी मेरा दर है तुम कहां हो पापा । जुल्म का चश्मा रखे हैं अब अपने हीपीठ में नश्तर है तुम कहां हो पापा। छा चुकी हैं बर्बरी घटाएं शब में ,खौफ में छप्पर है तुम कहां हो पापा। झुकने से मिलती विजय […]
पितृदिवस पर
प्रेम के अक्षय पात्र सापवित्र रिश्ताजो कभी नहीं रीतताबाहर से सख्तअंदर से नर्मदिल में दफन कई मर्मचटकती धूप से इरादे गर्मउर में आस लिएअमावस को भी कर दे रोशन ।अपना दे निवालाबच्चों के हाथों की लकीरोंको बदल दे…जिंदगी की जद्दोजहद में भीमुस्कुराहटों की रवानियांबिखेरसमुद्र सी थाह में अथाह लिएचुभती धूप […]
हम कहां आ गये हैं, यूं ही साथ चलते चलते’
सम्पादकीय : मनमोहन शर्मा ‘शरण’ आप सभी को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) की हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं । जीवन जीने का, स्वस्थ रहने का स्वआनन्द से परमानन्द तक की प्राप्ति का मार्ग दिखाने वाले भारत देश, जिसको पुन: विश्वगुरु बनाने का स्वप्न देखा जा रहा है । ऐसा […]