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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के आगे दहाड़ता  सिंह …!

नए संसद भवन से जिस अशोक स्तम्भ का प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया उसका आकार और प्रस्तुति मूल अशोक स्तम्भ से जुदा दिखाई देने का दावा किया जा रहा है । मन में प्रश्न उठा आख़िर अशोक स्तम्भ के मूल स्वरूप में परिवर्तन क्यों  किया गया ?आख़िर क्या उद्देश है इस तरह राष्ट्रीय चिन्ह के…

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ठंडी चाय का उबाल : राजनीतिक सफरनामा

कुशलेन्द्र श्रीवास्तव ठंडी चाय में भी उबाल आता है साहब । कम से कम मध्यप्रदेश की ठंडी चाय में तो ऐसा उबाल आया कि एक अधिकारी को अपनी कुर्सी पर ही खतरा महसूस होने लगा । वे मुख्यमंत्री हैं उन्हें सब चीजें गर्म चाहिए । वैसे हो सकता है कि उन्हें गर्म न चाहिए हो…

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चेतना के फूल

चेतना के फूल तभी खिले जब सर्वस्व चढ़ाया है भानु का तांडव जारी फिर भी अंतरमन प्रेम से नहाया है कोई तो बात होगी सावन की फुहार में जो कीचड़ में भी कमल खिलाने की संभावनाओं को प्रकट करती है।दृष्टि हो तो सृष्टि बदल जाती है वर्ना सदियों के फेरों में उम्र निकल जाती है।जब-जब…

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जीवन के वृक्ष  को जीवन्त रखना है,

जीवन के वृक्ष  को जीवन्त रखना है, प्रेम के पानी से उसे  सींचते रहना है। उसको सुखाता  है नकारात्मक सोच, शुभ सोच  से सदा हराभरा रखना है। अहंकार की ऊष्मा विष के समान है, जो जीवन को  विषाक्त  कर  देता है। जो  सीख लिया है दंभ को दुत्कारना, मजेदार जीवन का वह मजा लेता है।…

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देवेन्द्र के दोहे

देवेन्द्र कुमार पाठक अपने तीरथ धाम हैं,खेत और खलिहान। अनिल,अनल,जल,भूमि,नभ; हैं प्रत्यक्ष  भगवान।। श्रम ही अपना धरम-व्रत,घोर तपस्या घाम। ओला-पाला,बारिशें,बाढ़ हमारे नाम।। इल्ली,गंधी, गेरुआ,कांसा, गाजर घास। आवारा गोवंश ने, किया फसल को नाश।। माघ-पूस की रात में जब चलता हिमवात। फसल सींचते खेत की,हाड़ा-गोड जुड़ात।। सरहद पर बेटा सजग,अन्न उगाते बाप। उनकी सेवा,त्याग का,कोई मोल…

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पथ के हो राही

पथ के हो राही तुम हो पथिक थक के न हारो  थोड़ा  भी तनिक थोड़ा धीरज धर   बढ़ते जाना एक दूजे का   मनोबल बढ़ाना, आएंगी  बाधाएं हजार साहस को तुम   बनाना आधार, टेड़ी मेड़ी    होगी डगर चलते जाना    तुम हो निडर, आएगी जो भी     है रुकावट वो तो होगी   बस क्षणिक… पथ के हो राही…

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श्रावण सोमवार में करें राशि अनुसार शिव जी का पूजन होंगे अत्‍यंत प्रसन्‍न

श्रावण सोमवार में श‍िवजी की पूजा का व‍िशेष महत्‍व माना गया है।परन्तु आप अपनी राश‍ि के अनुसार भगवान उमामहेश्वर जी की पूजा करें तो श‍िवजी अत्‍यंत प्रसन्‍न होते हैं। आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक” बताया क‍ि श्रावण मास में राश‍ि अनुसार भगवान शिव जी की पूजा से मनोवांछित सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।तो आइए जानते…

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