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कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन 

सबका नंबर आयेगा कृपया प्रतीक्षा कीजिए वाली टैगलाइन के साथ अब उन सबके काले चिट्ठे खुल रहे जिन्होंने देश के साथ गद्दारी की है । भारत सहिष्णु देश है पर यहां रहने वाले इस अंधे सहिष्णुता का जमकर फायदा उठाते है । अबकी बारी ममता केजरीवाल और राहुल गांधी जी हिंदुत्व के अपमान के तहत…

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नोट की ओट से वोट पर निशाना

राजनीतिक सफरनामा : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव . उन्हें पूजन के दौरान ही सपना आ गया ‘‘हे वत्स! ज तू बाहर जाकर कह दे कि नोटों पर मॉ लक्ष्मी और प्रभु गणेश जी की फोटो लर्गा जाए’’ । उन्होने पूरी पूजन की फिर अपने मुख पर मुस्कान को ओढ़ा, गले को खंखारकर खांसी जैसी मिटाई और सारे…

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एकता,सरदार पटेल

वतन की दरदे नेहा की दवा है एकता गरीब कौम की हाजत रवा है एकता तमाम दहर की रूहे रवा है एकता वतन से मोहब्बत नहीवह क्या जाने क्या चीज़ है एकता क्या है अनेकता ******* दे रहा है ज़माना पैगामे पटेल अब न होगा फिर कब होगा सब मे मेल जाँ हथेली पे ले…

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क्या गर्भपात नैतिक रूप से उचित है?

लैंगिक समानता के लिए गर्भपात का अधिकार महत्वपूर्ण है। अलग-अलग महिलाओं के लिए अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए गर्भपात का अधिकार महत्वपूर्ण है। गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने से महिलाओं को उन अवैध तरीकों का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जाता है जो अधिक हानिकारक हो सकते हैं। लेकिन दूसरी ओर जीवन के…

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देशप्रेम

“निशि  मुझे आज ही जाना होगा , जल्दी से तैयारी करा दो ।” समर बोला।        “कैसे ,अभी कल ही तो आये हो और आज फिर जाना है ?” निशि का चेहरा उदास हो गया।    “यही तो हमारी वर्दी का कमाल है प्रिये,जब चाहे तब बुलावा आ जाता है ।आखिर जिम्मेदारी भी तो बड़ी…

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सरदार वल्लभभाई पटेल

नमन  तुम्हें हम करते सरदार जन्म ले भारत भू पर पावन देश को किया देशहित नित्य कष्टों को झेला हवा  जेल की कई बार खाई. ईमानदारी,देश प्रेम रग- रग में समाया किसानों के बने नायक  सरदार कहलाए. नमन तुम्हे हम करते सरदार. हैदराबाद जूनागढ़ और कश्मीर के हठधर्मियों  को सबक सिखाया. बिना खून बहाए, एकजुट…

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गजल : देवेन्द्र पाठक महरूम

पुरखों के गांव खेत बाग वन उजाड़कर फैलाओ न बदबू गड़े मुर्दे उखाड़कर अमरौती तो खाकर नहीं आये हो तुम यहां जाओगे तुम भी आखिरी कपड़ा उतारकर हम हैं तबाह अपने भी हैं तुमसे परेशां हालात रख दिया जो बेतरह बिगाड़कर कैसी हमारी जिंदगी गांवों में आज भी दो दिन हमारे साथ देखना गुजारकर चुप…

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