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रीवा की बेटी डॉ अरुणा पाठक आभा को मिला “अटल रत्न सम्मान”

लखनऊ पत्रकारों के राष्ट्रीय संगठन प्रिंट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के तत्वाधान में आजादी के 75 वी वर्षगांठ हुआ, अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में, प्रधानमंत्री राष्ट्र धर्म के पूर्व संपादक भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जी के 98 जन्म दिवस के शुभ अवसर पर, दीनदयाल उपाध्याय नगर हजरतगंज लखनऊ में आयोजित, सम्मान समारोह में…

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नव आंग्ल वर्ष के अवसर पर  हमारा विचारवाद   !

यूपी में रहते हुए और लगभग तीन दशकों तक कभी कभार ही इधर उधर की यात्रा करते हुए मैं‌ इस भूमि से लगभग कटा रहा। किन्तु भारत के इस बड़े राज्य इस भूमि को समझने का माध्यम-स्थल हो सकते हैं। दृष्टि होनी चाहिए। यहां के नगर न्यूयॉर्क जैसे नगर नहीं हैं। न्यूयॉर्क में अमीरी गरीबी…

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‘मीडिया और मुद्दे’ पुस्तक का विमोचन

माध्यमों में जन सरोकारों की प्रतिबद्धता आवश्यक- प्रो. रघुवंशमणि त्रिपाठी बस्ती । रविवार को प्रेस क्लब सभागार में अनुराधा प्रकाशन से प्रकाशित नीरज कुमार वर्मा ‘नीरप्रिय’ कृत ‘मीडिया और मुद्दे’ पुस्तक का विमोचन किया गया। शिव हर्ष किसान पी.जी. कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर रघुवंशमणि त्रिपाठी ने कहा कि माध्यमों का प्रभाव समाजों पर पड़ता…

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नये साल का रोचक इतिहास

लाल बिहारी लाल नव वर्ष उत्सव  मनाने की परंपरा 4000 वर्ष पहले बेबीलोन(मध्य ईराक) से शुरु हुई थी जो 21 मार्च को मनाया जाता था, पर रोम के शासक जुलियस सीजर ने ईसा से 45 ई. पूर्व जूलियन कैलेंडर की स्थापना विश्व में पहली बार की तब ईसा पूर्व इसके 1 साल पहले का वर्ष…

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सिविल सेवा कविता

हर कोई देखे सिविल का ख्वाब बड़ी शानो-शौकत बड़ा है नाम बेहद चुनौतीभरा इसका सफर बहुत कठिन है इसका एक्जाम। कैसे बने हम आईएएस पीसीएस कैसे बने हम अफसर अधिकारी हर अभ्यर्थी की यही है चिन्ता कैसे करें हम सिविल की तैयारी। माजिद हुसैन की पढ़ो भूगोल लक्ष्मीकान्त की राजव्यवस्था बिपिन चंद्रा का पढ़ो इतिहास…

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तुम कल नहीं रहे तो क्या होगा???

डा.सर्वेश कुमार मिश्र (महासचिव वैश्विक संस्कृत मंच दिल्ली प्रांत) _ खुद को महान समझते हो, बल और बुद्धि की खान समझते हो, पर सोचा है गर तुम कल नहीं रहे तो क्या होगा?? सोचा है कल का सूरज गर न सके देख तो क्या होगा?? सुनो शुक्कर की बाजार भी लगेगी शनि बाजार भी लगेगी…

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ये हितैषी बच्चियों के

                      भगवती प्रसाद गेहलोत अलसुबह कड़कड़ाती ठंड में धुंध अपनी चादर समेटने की मशक्कत कर रही थी ।  मैले-कुचले  कपड़े व  अधफटे चप्पल  बिखरे बाल लिए दो बच्चियाँ अपने डेरे से सीधे उठकर झोला लिए बस स्टैंड आती है रात्री को भजन संध्या में फैंके गए झूठन वाले कचरे के ढेर से पन्नियाँ, प्लास्टिक, कुछ…

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छोटी सी मुलाकात उपहार बन गयी

फिल्म डायरेक्टर श्री अशोक त्यागी जी से अद्भुत भेंट जी हाँ आदरणीय मित्रो फिल्म एक्टर / डायरेक्टर अशोक त्यागी जी से 3-4 बार फ़ोन पर बात हुई , मिलने की जिज्ञासा दोनों को थी कल शनिवार (पालिका केंद्र, कनाट प्लेस) में समय निश्चित हुआ और सहृदयता से भेंट हुई, उनको उत्कर्ष मेल (राष्ट्रिय पाक्षिक पत्र)…

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तुम्हारे आगमन से

इक  तुम्हारे आगमन से खिली धरा, फैला उजास सृष्टि के कण कण में दिखता नित नया ही अब हुलास….. मन ने भँवर बांध तोड़े छोड़ बैठा हर प्रवास नव स्वप्न जीवित हो उठे दृष्टिगत है अब विभास….. प्रेम अनुभूति में भी है नवीन कल्पना का वास सब धुला व सजा है ज्यों आयोजन हो ख़ास…….

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