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नोएडा में 26 जनवरी से 30 जनवरी तक नाट्य-उत्सव का आयोजन

नोएडा में 26 जनवरी से 30 जनवरी तक नाट्य-उत्सव का आयोजन किया गया। यह जाने-माने लेखक, इतिहासकार, अभिनेता और फिल्मकार दिनेश कपूर और नोएडा प्राधिकरण के सानिध्य द्वारा सेक्टर 91 के पंचशील कॉलेज के 700 सीट वाले अडिटोरियम में संयोजित किया गया। इस प्रकार का यह पहला आयोजन था। दिनेश कपूर मानते हैं की गंभीर…

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सरिता त्रिपाठी जी ‘हिन्दी सेवी सम्मान -2023’ से सम्मानित

विश्व हिन्दी दिवस पर संपूर्ण देश से चुनिंदा 551 हिन्दी सेवियों को दि ग्राम टुडे प्रकाशन समूह और ई पत्रिका अनिल अभिव्यक्ति की ओर से संयुक्त रुप से आन लाइन ‘हिन्दी सेवी सम्मान -2023’ से सम्मानित किया गया। इस संबंध में जारी एक संयुक्त बयान में संपादक द्वय शिवेश्वर दत्त पाण्डेय और डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’…

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पहले जहाँ रोज करते थे

पहले जहाँ रोज करते थे लोग उसका पूजा बन्दन और विवाह के अवसर पर नई दुल्हन करती थी धूप ,प्रसाद का अर्पण। सूख गया वह पेड़ सुन तानो की आँधियाँ बिखर गए सारे दरख़्त और रस भरी पत्तियां नजर लगी कितनो की सहन न कर पायीं जो इनकी अटखेलियां। अबतो सुख ही सुख है दर्द…

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चमत्कार और अंधविश्वास का फेर

                                                                          कुशलेन्द्र श्रीवास्तव  धीरेन्द्र शस्त्री और फिल्म पठान चर्चाओं में आ गई । जो चर्चाओं में आ जाता है वह फेमस हो जाता है । किसी के भी प्रसिद्ध होने के लिए यह सबसे आसान तरीका होता है । पूरी मीडिया धीरेन्द्र शास्त्री के हर क्रियाकलाप को दिखाने लगी । धीरेन्द्र शास्त्री अपनी हुकार से…

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शीर्षक : “वो सर्द रात”

वो सर्द हवाएं हो : वो काली घटाएं हो। वो शर्मीली निगाहे हो : वो सिसकती आहे हो। ठंड की कपन हो : थोड़ी सी अगन हो। थोड़ी सी लगन हो : साथ में सजन हो । बस फिर किया, हो बाहों में बाहें, हो हाथो में हाथ, फिर सदा याद आयेंगी=वो सर्द रात :…

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व्यंग्य- बाबापंथी

आजकल बाबाओं का ट्रेंड चल गया है, एक गया तो छः महीने में दूसरा आना ही है लाइमलाइट में। देखते हैं इस बार वही हाल है या फिर बाबा कमाल है। कमाल से याद आया कि चाची 420 फ़िल्म की तरह किसी ने भी बाबा 420 फ़िल्म नहीं बनाई। मुंह में पान चबाते हुए एक…

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सास गयी ससुराल गया

        जिस तरह मां के न रहने पर बचपन चला जाता है , ठीक उसी तरह सास के जाने पर भी एक बहू का रूप खत्म हो जाता है और बाकी लोग केवल पट्टीदार की भूमिका में रह जाते हैं। वह लाड़-प्यार ,डांट डपट सभी केवल याद बनकर रह जाते हैं जो जीवन भर एक…

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किसान

  अन्न उपजाता है जगत हित   वह जग के लिए वरदान है।   कृषक अपने श्रम से करता   जगतपोषण का अवदान है।    अन्न मोती के लिए किसान     लू के झोंके से भी लड़ता।    गेहूं की बालियों के लिए    सघन शीत लहरों में अड़ता।    क्षुधापूर्ति होता है जग का…

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वक्त दो वक्त जियो खुद के लिए

रचयिता  विशिष्टाचार्य डॉ.सर्वेश कुमार मिश्र काशीकुंज जमुनीपुर प्रयागराज वक्त दो वक्त जियो खुद के लिए उम्र बहुत है गुजार दी दूजों के लिए दूजे दूजे ही होते हैं अपने भी सपने से होते हैं निन्यानवे काम करो उनका बस कोई एक ना करो काम उनका फिर तुम सा कोई जाहिल नहीं फिर तुम सा कोई…

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मां सरस्वती की कृपा का पर्व है बसंत पंचमी

मां सरस्वती की कृपा का पर्व है बसंत पंचमी बसंत पंचमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्योहार है।बसंत की शुरुआत माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी से होती है। इस दिन को बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी सरस्वती की पूजा-आराधना के दिन के रूप में मनाया जाता है।यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल…

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