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नई संसद भारत को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया और आशा जताई की कि यह प्रतिष्ठित इमारत सशक्तिकरण का उद्गम स्थल होगी, और भारत को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। पीएम मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन की तस्वीरों के साथ एक ट्वीट में कहा, भारत की संसद के…

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मप्र में दोहराएंगे कर्नाटक की जीत, 150 सीट जीतेंगे : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि पार्टी ने कर्नाटक में जो किया उसे मध्य प्रदेश में दोहराने जा रही है। पार्टी इस साल राज्य में 150 सीटें जीतेगी। उनकी टिप्पणी मध्य प्रदेश पर एक बैठक के बाद आई जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। बैठक में राहुल गांधी, पार्टी महासचिव…

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साहित्यकार सविता चड्ढा को मिलेगा  ‘प्रज्ञान विश्वम सम्मान’

मैसूर साहित्य महोत्सव साहित्यकार सविता चड्ढा को मिलेगा  प्रज्ञान विश्वम सम्मान नई दिल्ली -अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति का तीन दिवसीय अठारहवां राष्ट्रीय अधिवेशन आगामी 19/ 20/21 जून को कर्नाटक के ऐतिहासिक नगर  मैसूर के “रॉयल इन” सभागार में आयोजित किया जा रहा है। वैश्विक चिंतक कवि प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव की अध्यक्षता…

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व्यंग्य –  मनुवाद के खिलाफ खड़े निठल्ले ..!

भारत में विचारधारा के खींचतान में आजकल कई समाज लहालोट है । जब भी कोई सफल व्यक्ति कही सफलता पाए नजर आता है तो उसे ये निठल्ले जातिवादी समाज वाले अपनी जाति में खीच कर उसकी सफलता को चीड़ फाड़ देते है । अब बात करें ऐसे निठल्ले घिन्नरबाजों की तो अब मंडल बंडल जैसे…

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  लोकतंत्र के मंदिर का उद्घाटन : कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

नए संसद भवन का उद्घाटन ऐतिहासिक घटना है, यह ऐसी महोत्सव है जो सदियों याद किया जाता रहेगा । अनेक प्रश्नों के निरूत्तर घेरे में संसद भवन का उद्घाटन हो गया और यह भी हो गया कि देश के 21 विपक्षी दलों ने इसमें सहभागिता नहीं निभाई । लोकंतत्र में सभी का एक साथ होना…

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आत्मालाप –

आत्मा चोला बदलती है— “अरेरे. आत्मा तो चोला बदलती है- सब पुण्यात्माओ   के लिये लोग-बाग कहते थे/फिर  उन्हें जब ‘आत्मा’ कहा था तो—-‘ चोला  डालकर —–‘ कहीं सो गये होगे ? अभी तक- चोला बदल नही पाये होगे – अरे रे गले से नया चोला उतरा ही नहीं होगा…!! जानकर गले में अटका कर दिनभर…

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आज की आवाज

शोषित पीड़ित की ढाल था जो, अब समुदायों की ढाल बना। अल्पसंख्यक का हार बना, यह देश के हित जंजाल बना।। कानून को ढाल बनाकर के, तुम अपने निज़ हित साध रहे। स्वारथ में इतने डूब गए, कर देश को तुम बर्बाद रहे।। याद करो कुछ पिछली भी, हम क्या सह कर के आए हैं।…

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परवरिश : डॉक्टर अरुणा पाठक

हर किसी को आते जाते…….. वह घर अपनी और आकर्षित करता था। करें क्यों ना आसपास के पूरे क्षेत्र में इतना सुंदर इतना महंगा इतना आलीशान घर, दूसरा नहीं था। वहां से गुजरने वाले उस घर को जरूर देखते बाहर एक बड़ी सी गाड़ी खड़ी रहती. और उसमें टोपी पहना हुआ ड्राइवर बैठा रहता। अक्सर…

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उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत

जैसा कि हम सभी जानते हैं मानव जीवन में समाज, धर्म, जाती, रिश्ते, परिवार आदि  की समय समय पर एक दूसरे की जरूरत रहती हैं।  परन्तु आज के युग में मानव जीवन की जटिलता कहो या अपने स्वार्थ के लिए समाज, धर्म, रिश्तों को  निभाने में टाल मटोल करता है, जिस से समाजों के बिखराव…

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छंद- गीतिका : यह समझ

मापनी- 2122 2122 2122 212 पदांत- यह समझ समांत- अहले साँस चलती है समय से तेज पहले यह समझ। चल सके तो वक्‍़त के ही संग बहले यह समझ। पंचतत्‍वों से बना अनमोल है यह तन मिला, ये बचें इनके लिए हर कष्‍ट सहले यह समझ। यह अगर हैं संतुलित तो मानले तू है सुखी,…

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