माँ जीवन का सार है, माँ है तो संसार। माँ बिन जीवनलालका,समझो है बेकार।1। माँ की ममता धरा पर, सबसे है अनमोल। माँ जिसने भूला दिया,सब कुछ उसका गोल।2। माँ सम गुरू नहीं मिले, ढ़ूढ़े इस संसार। गुरु का जो मान रखा,नैया उसका पार।3। माँ के दूध […]
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जीवन मूल्यों को समाहित करती – पीहू पुकार – लाल बिहारी लाल
रवीन्द्र जुगरान हिंदी काब्य जगत में एक उद्यमान प्रतिभा हैं। इनकी 49 अतुकांत कविताओं का संग्रह –पीहू पुकार शीर्षक से अनुराधा प्रकाशन ,नई दिल्ली ने प्रकाशित किया है।इस एकल संकलन में शुरुआत मंगल गान से है में – हे मां बिलख रहे है तेरे लाल में कवि ने इस प्रतिकूल […]