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हर गली में एक निर्भया है

कितना मुश्किल है इस दुनिया में औरत हो पाना कदम कदम पे परखे जाना जाना अपने आप को पवित्र दिखाना। यह परख, यह परीक्षा जो कभी खत्म नहीं होती।  क्यों एक बलात्कार में सिर्फ औरत ही है इज्जत खोती क्यों वजूद उसका इतना दबाया जाता है । लोग क्या कहेंगे कहकर चुप कराया जाता है…

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प्रवासी दुनिया

समुंदर का नीलापन आकाश का नीलापन उड़ रहे क्रेन पक्षी एक नया रंग दे रहे प्रकृति को। सुंदरता दिन को दे रही  सौंदर्यबोध रात में ले रहा समुंदर करवटे लहरों की। तारों का आँचल ओढ़े चंद्रमा की चाँदनी निहार रही समुंदर को क्रेन पक्षी सो रहे जाग रहा समुंदर। मानों कह रहा हो प्रवास की…

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मीडिया और महिला

इस तथ्य से कोई इनकार नहीं करता है कि भारतीय प्रेस में महिलाओं की बढ़ती उपस्थिति पिछले एक दशक में पहले से कहीं अधिक स्पष्ट हो गई है। उन्हें हर जगह स्पॉट किया जाता है – जहां भी समाचार उत्पन्न होता है, समाचार डेस्क को संभालना, संस्करणों की निगरानी करना और न्यूज़रूम में चारों ओर…

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मुखर राजनीति के महानायकों के लायक नहीं माहौल !

बिहार राजनीति में उठापटक ,बीते दस तारीख की देर रात्रि तब समाप्त हो गया जब बिहार विधानसभा चुनाव के सभी दो सौ तैतालिस सीटों के परिणाम जारी कर दिए गए । भाजपा, जदयू ,हम और वी आई पी की संयुक्त गठबंधन वाली एन डी ए ने एक सौ पच्चीस सीटों पर कब्ज़ा करके बिहार विधानसभा…

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बिहार चुनाव: फिर आ गए वे सत्ता में कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

चलो बिहार के चुनाव भी निपट गए । किसी से कुछ होना जाना है नहीं फालतू में लम्बा कुरता पहनकर भाषण देते रहते हैं । राजनीति तो भाजपा से सीखो ‘‘रेत से भी तेल’’ निकाल कर सारे जहां को बता देती है कि ‘‘भैया देखा राजनीति करना इसे कहते हैं’’ । सारे टी.व्ही चैनल चिल्ला-चिल्ला…

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” दीपोत्सव”

रघु मिट्टी के खिलौने और बर्तन बनाने वाला एक कुम्हार था। उसके बनाए सामान की खूब बिक्री होती थी। हर साल दिवाली पर रघु दिए और खिलौने बनाता था। मिट्टी के दियों को जोड़कर अलग अलग दिखने वाले झूमर भी बनाता था। त्यौहार पास आता तो उसके पास बिल्कुल भी समय नहीं होता था। रात…

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आती रहेंगी बहारें : कविता मल्होत्रा

किसी की वेदना है घर से पीछा छुड़ाने की किसी की व्यथा है अपने घर लौट जाने की ✍️ बीते साल ने कितना कुछ गँवा दिया ये एक नकारात्मक सोच है।बीते हुए लम्हों ने कितना कुछ सिखा दिया ये एक सकारात्मक सोच है। कोरोना-काल में कितने ही लोगों के रोज़गार छिन गए, कितने ही लोग…

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ज़रूरतमंद परिवारों के साथ ही त्योहारों को मनाना चाहिए : सीमा शर्मा

लक्ष्मी बाई प्रशिक्षण संस्थान NGO द्वारा दीपावली के पावन अवसर पर दिव्यांग ,बुजुर्ग दम्पत्ति और विधवा महिलाओं (मायापुरी रेवाड़ी लाइन झुग्गी बस्ती) को उपहार में कम्बल ,जुराबें,टोपी मास्क,आटा,दवाई ,मूव,क्रीम ,टूथ ब्रश,कोलगेट और मिठाई वितरित की गईसहयोगी टीम -वीनू,कविता ,डॉक्टर पवन जी ,अर्पिता ,दीपक गुप्ता,आराधना ,सोनिया ,आदिइस कार्यक्रम का आयोजन चेयरमेन रवि शर्मा और संस्थापिका सीमा…

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दीप जलाना

दीप पर्व पर, एक काम यह करना सब हर हाल में। उनके नाम भी दीप जलाना जो बुझे कोरोनाकाल में।। स्वस्थ सुरक्षित रहे सभी जन, इसके हित बस काम किये। सभी चिकित्सक जुटे रहे बस नाममात्र आराम किये। और चिकित्सा करते करते जो जीवन हो गये बलिदान। दीपक उनके निमित्त जलाकर दे हम सब उनको…

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वो जीत जो जीत सी ना लगे, वो हार जो हार सी न लगे

सम्पादकीय : मनमोहन शर्मा ‘शरण ‘ हमारे भारत की सुन्दरता–भव्यता यहां के त्यौहारों में देखते ही बनती है । हालांकि 2020 वर्ष कोरोना काल की भेंट चढ़ गया । जनता ने अपना दृष्टिकोण भी सूक्ष्म कर लिया है और आज में जीना प्रारंभ कर दिया जिसमें आवश्यकता की, रोजमर्रा की चीजें और स्वास्थ्य ठीक है,…

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